राधास्वामी दयाल की दया राधास्वामी सहाय
धन धन राधास्वामी गाय रहूँगी।
जग में शोर मचाय रहूँगी ॥
गुरु गुरु नाम पुकार रहूँगी ॥ टेक ॥
वाह वाह मेरे राधास्वामी प्यारे।
वाह वाह रचना के अधारे ॥
वाह वाह गुरु परम उदारे।
वाह वाह मेरे सत करतारे ॥
चरन पकड़ आज लिपट रहूँगी ॥१॥
🙏🙏 पोथी - "प्रेम बानी" भाग - 4
पृष्ठ - 157
🙏🙏 राधास्वामी🙏🙏
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