दुष्कर्म का अर्थ है व्यक्ति अपने कर्मो से दूसरों को हानि ना पहुंचाए । अगर व्यक्ति अपने कर्मों से केबल स्वयं को हानि पहुंचाए तो क्या वह दुष्कर्म नही होगा..? जैसे हस्तमैथुन करना , इतना ही नशा करना जिससे किसी को कोई हानि ना हो । जैसे भगवान शंकर भांग का सेवन करते है किंतु सभी की भलाई करते है ।
@ishikaparsad3012
Жыл бұрын
🙏Thank you so much for wonderful explaination.Be happy.
@shambhattarai1606
3 жыл бұрын
Sadhu sadhu sadhu
@rajugotimukul4997
3 жыл бұрын
Best
@trilokpuriguru7343
2 жыл бұрын
सत वचन
@Vk-lq3qp
4 жыл бұрын
🙏🙏🙏
@ashokmahire6541
3 жыл бұрын
धर्म का पहला आंग है शील,रही मन बावरी,बोली सोच समझ कर करे,मीठी वाणी चाहिए,फिर सुख ही सुख है,
@prabhatkiaur
2 жыл бұрын
यह विराट जो पूर्ण है, अंश के पीछे नही चल सकता 🌹
@rahulkharat1318
3 жыл бұрын
Sabka mangal ho
@navinjoshi476
Жыл бұрын
कीसी के अ प्रियता के कारण हम अपनी वाणी सत्य से असत्य में परिवर्तन करते है, तो क्या यह उसके लिए धोखा नहीं होगा?🙏मंगल हो
@ranidhule234
4 жыл бұрын
सबका मंगल होय रे सबका मंगल होय 🙏🙏🙏
@saritasukhadeve6482
3 жыл бұрын
Mangal ho
@ShekharKumar-bl6ug
3 жыл бұрын
Sandhar
@haridaschouhan9195
4 жыл бұрын
🙏🙏sabhka mangal ho🙏🙏
@gurugantaal5782
Жыл бұрын
Sheel ka Matlab Bramhacharya hota Hai na ?
@sahebraochaure1960
3 жыл бұрын
Mangal ho sadhu sadhu sadhu
@Mridangna
3 жыл бұрын
सर , बहुत विरोधाभाष है , गृहपति कंगला नही होना चाहिए और मालिक जिसके यहाँ गृहपति मजदूरी कर रहा है वह व्यापार शील होना चाहिए क्या ऐसा कोई व्यक्ति है जो व्यापार शील हो और अपने यहाँ मजदूर लगाए कही ना कहीं तो उसको व्यापार शील भंग होता है और अगर गृहपति व्यापार शील भंग व्यक्ति से मजदूरी ग्रहण करता तो गृहपति गलत हुआ या फिर व्यापारी जिसने शील भंग कर धन कमाया और उस धन से मजदूरों को मजदूरी दी वह सही हुआ ।
Пікірлер: 28