द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति अर्थ सहित |Dwadash Jyotirlinga English And Hindi Meaning #mahadev #shambhu
पुराणों के अनुसार, भगवान शिव 12 ज्योतिर्लिंग में ज्योति रुप में विराजमान हैं। मान्यताओं के अनुसार, द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम् का पाठ करता है उसे मृत्यु का भय नहीं रहता है साथ ही व्यक्ति को जीवन में धन धान्य का सुख मिलता है।
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग देश के अलग अलग हिस्सों में मौजूद है। कहते हैं इनका दर्शन करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है। लेकिन, यदि आप दर्शन नहीं कर सकते हैं तो आप रोजाना द्वादश ज्योतिर्लिङ्ग स्तोत्रम् का पाठ कर सकते हैं। शिवपुराण के अनुसार, इसका पाठ करने से 12 ज्योतिर्लिंग की कृपा व्यक्ति पर बनती है।
द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम् के कुश अंश को ले कर यह स्तुति बनी है |
द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम् ।
उज्जयिन्यां महाकालम्ॐकारममलेश्वरम् ॥१॥
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमाशंकरम् ।
सेतुबंधे तु रामेशं नागेशं दारुकावने ॥२॥
वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यंबकं गौतमीतटे ।
हिमालये तु केदारम् घुश्मेशं च शिवालये ॥३॥
एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः ।
सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति ॥४॥
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