आदिवासी शब्द दो शब्दों 'आदि' और 'वासी' से मिल कर बना है और इसका अर्थ मूल निवासी होता है। भारत की जनसंख्या का 8.6% (10 करोड़ जो 2011 जनगणना के अनुसार हैं (संस्कृत ग्रंथों में)। महात्मा गांधी ने आदिवासियों को गिरिजन (क्योंकि अधिकतर आदिवासी लोग जंगल और पहाड़ों पर रहने वाले लोग हैं, जो जल जंगल जमीन के सच्चे रखवाले हैं) कह कर पुकारा है। भारतीय संविधान में आदिवासियों के लिए 'अनुसूचित जनजाति' पद का उपयोग किया गया है। भारत के प्रमुख आदिवासी समुदायों में आंध, गोंड, खरवार, मुण्डा, खड़िया, बोडो, कोल, भील, कोली, सहरिया, संथाल, भूमिज, हो, उरांव, लोहरा, बिरहोर, पारधी, असुर, नायक, भिलाला, मीणा, धानका आदि हैं।
चंदा समिति ने सन् 1960 में अनुसूचति जातियों के अंर्तगत किसी भी जाति को शामिल करने के लिये 5 मानक निर्धारित किया:
1. भौगोलिक एकाकीपन
2. विशिष्ट संस्कृति
3. पिछड़ापन
4. संकुचित स्वभाव
5. आदिम जाति के लक्षण
बहुत से छोटे आदिवासी समूह आधुनिकीकरण के कारण हो रहे पारिस्थितिकी पतन के प्रति काफी संवेदनशील हैं। व्यवसायिक वानिकी और गहन कृषि दोनों ही उन जंगलों के लिए विनाशकारी साबित हुए हैं जो कई शताब्दियों से आदिवासियों के जीवन यापन का स्रोत रहे हैं। आदिवासी समाज की समस्या 1.अशिक्षा 2.अंधविश्वास&पाखण्डवाद 3.बेरोजगारी 4.भुखमरी 5.दहेजप्रथा
Негізгі бет EntertainmentDance by KUMJHERIA HIGH SCHOOL 🏫 STUDENTS
Пікірлер: 1