Episode - 37
आषाढ पूर्णीमा-धम्मचक्कपवत्तन दिवस विशेष : नवयान की आलोचना और उसका प्रत्त्युत्तर
बुद्ध का मार्ग स्पष्ट और सीधा है. इसलिये धम्म के अभ्यासको को किसी धर्म और पंथ के आलोचना की ज़रुरत नहीं होती. लेकिन पता नहीं क्यों तो कुछ धर्म और पंथ बुद्धिज्म की अकारण आलोचना करने से नहीं चूकते तब मज़बूरन हमें अपना पक्ष रखना होता है. इस प्रवचन में ऐसी ही आलोचनाओं का उत्तर दिया है. साथ ही कट्टरपंथी सोच के साथ विपस्सना और ध्यान करने वालो के साथ भी एक सम्वाद है.
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Негізгі бет EP-37| नवयान की आलोचना और उसका प्रत्युत्तर |Navayana Buddhism| 21 Jul 2024 ~ By Dr. Ratnesh Katulkar
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