विलंबित एकताल
रमैया मै तो थारे रंगराती। औरोंके पिया परदेस बसत है,लिख लिख भेजें पाती ॥धृ॰॥ मेरा पिया मेरे हृदय बसत है, रोल करूं दिन राती ॥१॥
तीनताल
कौन गति करिहौ मेरे नाथ । हौं तो कुटिल कुचील कुदरसन रहत विषयके साथ ॥धृ॰॥ दिन बीतत मायाके लालच कुल कुटुंबके हेत। सारी रैन नींद भरि सोवत जैसे पशू अचेत
Негізгі бет Episode-149, Raag-Prabhat Bhairava,V.Ektaal,Teentaal राग-प्रभात भैरव, वि.एकताल, तीनताल
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