Күн бұрынगोरी पनिया भरन जाती गलिन छमकउवा परे रचना देशराज पटैरिया स्वर जय प्रकाश पटैरिया रजनी Рет қаралды 753Bundeli Lokgeet Jaiprakash 1 1 Жүктеу
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