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श्री घंटाकर्ण देवता गंगा स्नान यात्रा 2021: -
प्रत्येक 12 वें वर्ष हरिद्वार महाकुम्भ की भांति टिहरी गढ़वाल के कीर्तिनगर विकासखंड के लोस्तु पट्टी के प्रसिद्ध इष्टदेवता श्री घंटाकर्ण देवता का मेला (स्थानीय भाषा में ज़ात ) भी होती है। परन्तु जात से 11 माह पूर्व मकर सक्रांति के दिन श्री घंटाकर्ण देवता तमाम देवी देवतावों के साथ श्रीनगर और कीर्तिनगर के मध्य स्थित पावन गंगा मां अलकनंदा के सुपाणा नामक ऎतिहासिक स्नान घाट पर में स्नान करने आते हैं। उसी क्रम में यहां प्रस्तुत है श्री घंटाकर्ण देवता गंगा स्नान यात्रा 2021 की कुछ दुर्लभ झलकियाँ।
घंटाकर्ण को घण्डियाल देबता भी पुकारा जाता है। घंटाकर्ण देवता बद्रीनाथ भूमि के क्षेत्रपाल के रक्षक मानें जातें हैं। बद्रीनाथ मंदिर में सबसे पहले क्षेत्रपाल के रूप में उनकी भव्य मूर्ति है। बद्रीनाथ मंदिर खुलने से पहले क्षेत्रपाल श्री घंटाकर्ण देवता की पूजा होती है, तभी मंदिर के कपाट खुलते हैं। वर्तमान युग में घण्डियाल देवता को वीर अभिमन्युः का अवतार माना जाता है।
जय श्री श्री घंटाकर्ण देवता।
प्रदीप भण्डारी
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