इस वीडियो में हम बात करने वाले हैं, श्रीराम महिला स्वयं सहायता समूह सलूंबर, उदयपुर से। जहां 20 से 25 महिलाऐं समूह के डायरेक्टर श्री राजकुमार मेहता के मार्गदर्शन में अरावली की पहाड़ियों में बहुतायत में होने वाले पलाश और सागवान के पेड़ के पत्तों से पत्तल और दोने आधुनिक तकनीक से बहुत ही सुन्दर एवं आकर्षक डिजाइन में तैयार कर एक नया इतिहास रच रही है। इस कार्य में 90% कार्य महिलाओं द्वारा किया जा रहा है, जिसके कारण इससे होने वाली आय का ज्यादातर हिस्सा भी महिलाओं को ही मिल रहा है, जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है, जो बहुत ही खुशी की बात है। इस कार्य को करने के लिए जयपुर से एक पत्तल दोने बनाने की ऑटोमेटिक इलेक्ट्रिक मशीन और साथ ही चार सिलाई मशीन भी मंगाई है। पत्तल दोने बनाने के कार्य की शुरुआत आदिवासी महिलाओं द्वारा जंगल से उचित आकार के पत्तों की तुड़ाई करके उनके बंडल बना कर समूह तक पहुंचाए जाते हैं। जहां वो बडंल समुह की महिलाओं को दिए जाते है, जो इन पत्तों की कटाई छंटाई करके सिलाई करती है, सिलाई दो तरह से की जाती है। पहली पुराने तरीके से जिसमें नीम की बहुत ही पतली तीलियों से सिलाई की जाती है एवं दुसरे तरीके में सिलाई मशीन में धागे की सहायता से की जाती हैं। जिसे कुछ दिन धुप में सुखाया जाता है। जब सिलाई की हुई पत्तलें अच्छी तरह से सुख जाती हैं तब एक ऑटोमेटिक मशीन में बटर पेपर की सहायता से डाई की सहायता से हिट दें कर मॉडर्न डिजाइन में बनाया जाता है। जिसे पैक करके मार्केट में बेचने के लिए भेज दिया जाता है। राजकुमार मेहता ने बताया कि शुरुआती संघर्ष के बाद अब बाजार से उनके पास अच्छे खासे ऑर्डर आ रहे हैं और बहुत सारे व्यापारी भी इसमें इंटरेस्ट दिखा रहे हैं, उन्होंने कहा कि आने वाले समय में 25 से बढ़ाकर 200 महिलाओं को इस कार्य से जोड़ा जाएगा।।
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अधिक जानकारी हेतु संपर्क करें:-
श्री राम जी एग्रो सर्विस
मो. 9636325100
सेरीया मेन, रोड़, अदकालिया, त. सलूम्बर, जि. उदयपुर
Location:- maps.app.goo.gl/CpN9XPYLGyCAC...
Негізгі бет ग्रामीण महिलाओं का कमाल, पेड़ के पत्तों से बना रहीं आकर्षक पत्तल दोने // ped ke patto se pattal dona
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