#गुढीपाडवा
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#मराठी_कविता
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#नववर्ष
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#प्रसाद्कुलकर्णी
#gudipadwa
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नववर्षाचे नवे सोहळे चैतन्याच्या लक्ष लडी
नव्या पहाटे उंच उभारू उल्हासाची उंच गुढी
आनंदाचे बांधून तोरण सजून येवो हरेक दार
प्रेम रुजू दे, क्षेम असू दे, घरात यावी नवी बहार
नवे वर्ष आले! आले, नवे वर्ष आले!!
नवे वर्ष आले! आले, नवे वर्षा आले!!
हे विश्वंभर, प्रसन्न अंबर, तव तेजाने लखलखू दे
मुखामुखावर पुन्हा एकदा हर्ष तेवढा झळकू दे
हे नववर्षा तुला प्रार्थना सौख्यशांतीचे दे वरदान
तुझ्या सावलीत प्रसन्न राहो तुझ्या कृपेने थोर लहान
नवे वर्ष आले! आले, नवे वर्ष आले!!
नवे वर्ष आले! आले, नवे वर्षा आले!!
Негізгі бет गुढीपाडवा - नववर्षाचे स्वागतगीत : गीतकार - प्रसाद कुलकर्णी, संगीत आणि स्वर - अवधूत रेगे
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