गुरु शरण में रहना रे मन तू || Guru Sharan Mein Rehna re Mann Tu || गुरु वंदना ||
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सखी-
तन मन ताको दीजिए जाको विषया नाय ,
आपा सबहिडारिके , राखोसाहिब माय ॥1 ॥
भली भई जो गुरू मिले , जाते पाया ज्ञान ।
घट ही माहि चबूतरा , घट ही माहि दीवान ॥2 ॥
गुरू समान दाता नहीं , याचक शीष समान ।
तीन लोक की सम्पदा , सो गुरू दीनि दान ॥3 ॥
कुमति कीच चेला भया , गुरू ज्ञान जल होय ।
जनम - जनम का मोर्चा , पल में डारे धोय ॥4 ॥
भजन - गुरू शरण में रहना रे मन तू गुरू शरण में रहना रे ,
उतरोगा पार पूरा गुरू मिल गया , पीठ जगत से देना ॥टेक ।।
1. पांच तत्व की बनी थारी काया , वहीं निगाह कर लेना ।
पांच से कोई छठा बतावे , बाको गुरू कर लेना ।
2. घणा गुरू विश्वास बंधावे , उनकी मत सुन लेना ,
वो ठगियों में ठगिया रेहता , पारब्रह्म में रेणारे ॥
3. तन मन धन अर्पण सदगुरू को , गुरू वचन सुन लेना ,
जो गुरू जी थारो मस्तक मांगे , शीश काट धर देना ।
4. मोती चुगना रहना समुंद में , लहर दरिया की लेना ,
कहें कबीर सुणो भाई साधो , जीवत मुक्त कर लेना ॥
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Credits
Main Vocal : Padmashri Prahlad Singh Tipanya
Chours : Ashok Tipaniya
Violin : Devnarayan Saroliya
Dholak : Ajay Tipaniya
Harmonium : Dharmandra Tipaniya
Video : Mayank Tipaniya & Pritam Tipaniya
Sound Mixing : Peter Jamra
Video editing : Mayank Tipaniya
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Негізгі бет गुरु शरण में रहना रे मन तू || Guru Sharan Mein Rehna re Man Tu || गुरु वंदना || Guru Purnima Special
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