गुरु ग्रह की शांति के लिए मंत्र साधना
◆ भारतीय ज्योतिष में नवग्रहों की विशेष मान्यता हैं कोई भी गणना यदि हम करते हैं तो उसमें नवग्रहों को सबसे ऊपर रखते हैं और नवग्रहों में गुरू ग्रह सबसे प्रभावशाली ग्रह हैं क्योंकि गुरू (बृहस्पति) को देवताओं का गुरु माना जाता हैं।
◆ यदि गुरु ग्रह हमारी कुंडली में अशुभ हैं तो इसके बहुत सारे नकारात्मक परिणाम हमें अपने जीवन में देखते पड़ते हैं जैसे:- नेतृत्व क्षमता में कमी।
◆ जीवन में किसी भी कार्य में यदि आप सफलता, उन्नति और तरक्की हासिल करना चाहते हैं, तो गुरु ग्रह का शुभ होना अत्यंत आवश्यक हैं। गुरु ग्रह की अशुभ स्थिति के कारण कन्याओं के विवाह में विलंब हो जाता हैं तो वैवाहिक जीवन से जुड़ी समस्याओं के निराकरण के लिए भी गुरु ग्रह को अपने पक्ष में करना बहुत जरूरी हैं।
◆ गुरु ग्रह की शुभ स्थिति के लिए मंत्र :-
• ॐ ब्रह्म बृहस्पतये नमः।।
• ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।।
◆ रोजाना हमें गुरु की उपासना अवश्य करनी चाहिए जिन्हें भी हम अपना गुरु मानते हैं उनकी उपासना, आराधना करनी चाहिए कभी भी उनकी बुराई नहीं करनी, कभी भी अपने जीवन में भूलकर भी गुरु का अपमान नहीं करना, उनका तिरस्कार नहीं करना चाहिए जो लोग अपने गुरू की निंदा, अपमान और तिरस्कार करते हैं। गुरु ग्रह उनके ऊपर नकारात्मक प्रभाव छोड़ना शुरू कर देता हैं। देवता भी गुरु ग्रह के चरणों में नतमस्तक रहते हैं।
◆ गुरु :- गु अर्थात् अंधकार
रु अर्थात् प्रकाश
जो हमें अंधेरे से प्रकाश की ओर ले जाये वह गुरु होता हैं।
◆ जैन परंपरा के अनुसार, गुरु ग्रह की शांति के लिए श्री आदिनाथ भगवान की आराधना बताई गई हैं। प्रत्येक गुरुवार को या रोजाना हमें भक्तामर स्तोत्र का पाठ करना चाहिए और आदिनाथ भगवान का जो गुरु ग्रह अरिष्ट निवारक मंत्र हैं उसकी जाप भी अवश्य करनी चाहिए।
◆ संध्याकाल में जपने के लिए मंत्र :
• ॐ नमो अर्हते भगवते श्रीमते आदिनाथ तीर्थंकराय गोमुख यक्ष चक्रेश्वरी यक्षी सहिताय ॐ आं क्रौं ह्रीं ह्रः गुरु महाग्रह मम् दुष्ट ग्रह सर्व रोग कष्ट निवारणं सर्व शान्तिं च कुरु कुरु ह्रूं फट् स्वाहा।
• ॐ आँ क्रौं ह्रीं ह्रः गुरु महाग्रह मम् सर्वशान्तिं कुरु कुरु स्वाहा ।
• ॐ ह्रीं अर्हं श्री आदिनाथ जिनेन्द्राय नमः।
• ॐ ह्रीं णमो आयरियाणं ।
◆ माला :- पुखराज, सुनैला या पीले सूत की माला
◆ जाप-19000
◆ मंत्र की साधना संकल्प लेकर,शुभ मुहूर्त में और एक नियत काल में करनी चाहिए। मंत्र साधना पूर्ण होने के पश्चात् दशांश आहूति पूर्वक यज्ञ अनुष्ठान करें।यज्ञ अनुष्ठान के लिए पीले चंदन की धूप बनाये उसमें पीली हल्दी और पीली सरसों मिलाएं और यज्ञ करने के पश्चात् जो गुरू ग्रह की शांति के लिए चीजें है उनका दान अवश्य करें।
◆मंत्र साधना शुरू करने से पहले अपने गुरु के चरणों में जाकर के आशीर्वाद और रक्षा कवच प्राप्त करना उसी के पश्चात मंत्र साधना प्रारंभ करनी चाहिए ताकि मंत्र साधना के समय कोई भी विघ्न बाधा आयें या कोई भी दैव्य शक्ति आपको डरायें तो उससे आपको बचाने के लिए और उससे आपको सुरक्षित करने के लिए गुरू का होना बहुत बहुत जरूरी हैं।
◆ गुरु ग्रह की शांति के लिए दान
• सोना, चने की दाल, हल्दी, पीले वस्त्र,शक्कर, गेहूं
◆ यदि आप व्यर्थ की बीमारियों से बचना चाहते हैं तो आप साधुओं को औषधि दान अवश्य करें इससे आपके जीवन में गुरु ग्रह शुभ फलदायक होगा।साधुओं को औषधि दान और आहार दान देने से नवग्रह की शांति होती हैं साधु चलते - फिरते तीर्थ के समान हैं साधु सेवा से मिलने वाली शक्ति और ऊर्जा आपके जीवन को पूरी तरह से सुरक्षित रखती हैं।
◆ यकीन मानिए इस मंत्र साधना ने लाखों लोगो को लाभ पंहुचाया है और इस लाभ से आप भी लगातार लाभान्वित होना चाहते हैं तो हमारे इस चैनल को सब्सक्राइब करें।
◆ परम श्रद्धेय धर्मयोगी गुरुदेव श्री योगभूषण जी महाराज से व्यक्तिगत परामर्श के लिए आप नीचे दिए गए नम्बर पर संपर्क करें :- 9211881008, 9911071008.
-----------------------------
Shri Yog Bhooshan Maharaj जी को Social Media पे Follow कीजिए :-
You Tube :- / @yogbhooshan
Facebook :- / yogbhooshan
Twitter :- / yogbhooshan
Instagram :- / yogbhooshan
Connect With Us :- www.yogbhoosha...
✓ Please Subscribe This KZitem Channel and Click on The Notification bell.
--------------------------------------
आपके लिए उपयोगी Videos -
मंत्र साधना में गुरु का महत्व
• मंत्र साधना मे गुरु का...
मंत्र साधना में उच्चारण का महत्व
• मंत्र साधना में उच्चार...
मंत्र साधना में श्रद्धा का महत्व
• मंत्र साधना मे श्रद्धा...
About :
स्वस्थ, सुखद एवं समृद्धशाली जीवन के प्राचीनतम महाविज्ञान को हम तक पहुंचाने वाले परम श्रद्धेय मंत्र महर्षि श्री योगभूषण जी महाराज एक मानवतावादी आध्यात्मिक संत हैं, जो मानवीय जीवन के उत्थान, कल्याण और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना के लिए समर्पित हैं ।
जिनके धार्मिक - वैज्ञानिक प्रवचन जन - गण - मन में एक दिव्य ऊर्जा का संचार करते हैं, जिनकी ओजपूर्ण वाणी जन-जन को भारतीय संस्कृति और धर्म से जोड़ती हैं, ऐसे धर्मयोगी संत श्री योगभूषण जी महाराज की वाणी को इस चैनल के द्वारा आप तक पहुंचाया जा रहा हैं।
ये निश्चित ही आपके जीवन के आनंदमयी रूपांतरण में सहयोगी बनेगा ।
आप इसे देख रहे हैं इसका मतलब है कि आप अपने जीवन को और अधिक स्वस्थ, सुखद एवं समृद्धशाली बनाना चाहते हैं ! हमें आशा है कि आपकी खोज यहाँ समाप्त होगी !
हमसे जुडने के लिये हार्दिक धन्यवाद एवं आभार !
#MantraVigyan #Yogbhooshan #mantra
Негізгі бет गुरु ग्रह की शांति के लिए मंत्र साधना || Mantra Vigyan || Yog Bhooshan Maharaj
Пікірлер: 21