Күн бұрынगुरु मिले म्हारे सब दु:ख बिसरै अन्तर के पट खुल गये री!सत्य कबीर साहेब जी के शब्द! गायक:-विनय सत्संगी Рет қаралды 78,564Romi Khundiya 1 1 Жүктеу
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