जागृत, स्वप्न और तुरीय अवस्था इस शरीर और मन की ही अवस्थाऐं हैं। आत्मा यानि आपका Higher-Self तो तुरीय अवस्था में ही स्थित है। प्रतिदिन अपनी उर्ध्व चेतना का स्मरण करो, अपने आप को दोहराओ कि तुम्हारा वास्तविक स्वरुप अनंत है, ऐसा करने से तुम अपनी आत्मा के समीप पहुँचने लगोगे। तुरीय अवस्था में ही आप अपने आप को अनुभव कर सकते हो, जागृत अवस्था में नहीं। अपनी चेतना को Cosmic state यानि ब्रह्मांडीय चेतना तक उठाना आवश्यक है, तभी आपकी इच्छा फलीभूत होगी।
जीवन परिवर्तन करने वाली ध्यान साधनाओं को सीखने के लिए हमारे साप्ताहिक शिवयोग फोरम के कार्यक्रमों से जुड़ें।
Connect with Us on www.shivyog.com
#ShivYogForum - www.shivyogforum.com
#ShivYogPortal - www.shivyogportal.com
#ShivYogVideos - www.shivyogtv.com
#ShivYogKrishi - www.shivyogkrishi.com
#ShivYogCureIsPossible - www.cureispossible.org
Негізгі бет गुरु वाक्यम् एपिसोड 1086 : स्वयं के मनभेद को खत्म करना होगा।
Пікірлер