कोई मनुष्य सदा अपनी मुसीबतों को रोता रहता है, वहीं दूसरा अपने जीवन की प्रत्येक कृपा का धन्यवाद करता है। यह आपको चुनना है कि आप कैसा भाव रखना चाहते हैं। धन्यवाद प्रतिदिन करना चाहिए, अपने शरीर के हर अंग का, प्रकृति का, अपने पित्रों का, गुरू का, उनके भी गुरुओं का। धन्यवाद का भाव रखने से रास्ते खुलते हैं और कृपा मिलती है। कौन होते हैं Spiritual Guides और उनकी कृपा के विषय में, जानिए इस विडियो में।
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Негізгі бет गुरु वाक्यम् एपिसोड 530 : सदैव धन्यवाद का भाव रखो
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