यदि आपके पास कोई पवित्र चीज़ है तो वह है आपकी सांस। ध्यान दो मन के भाव के अनुसार तुम्हारी सांस बदल जाती है। यह सांस ही आपके भविष्य का निर्माण करती है, नकारात्मक भावो से आप मंगलमय भविष्य नहीं पा सकते। इन साँसों से आप जप भी कर सकते हो। जितनी लम्बी सांस होगी उतनी लम्बी आयु होतो है। साधना में कुछ साधकों की सांस रुक जाती है, इसका क्या अर्थ है, जानने के लिए सुने यह विडियो।
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Негізгі бет गुरु वाक्यम् एपिसोड 806 : अपनी सांस के मोल को जानो।
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