कायाकल्प एक उच्च शरीर की अवस्था भी है और सिद्धों ने इस पर महारत हासिल की है. गुरु पूजन आत्मपूजन है, शरीर पूजन नहीं. आत्मा का सम्बन्ध सबसे पवित्र सम्बन्ध होता है. सबके भीतर शिव को अनुभव करने का अभ्यास करें.
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Негізгі бет गुरु वाक्यम् एपिसोड 898 : शिव के साथ संबंध जोड़ें।
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