अन्तर्ध्वनि पंचम पुष्प
"हे कुंद कुंद आपने सच्चा पथ दिखा दिया"
रचना एवं स्वर - पंडित संजीव जैन, उस्मानपुर दिल्ली
हे कुन्द कुन्द आपने सच्चा पथ दिखा दिया
दृष्टि का विषय मेरी दृष्टि में बिठा दिया
हे कुन्द कुन्द.....
शुद्धातमा के ज्ञान से मुक्ति मिले सदा
हूँ ज्ञान मात्र आत्मा पर भाव से जुदा
आराधना के काल में आराध्य बना दिया
हे कुन्द कुन्द......
मुक्ति में जो भी जायेंगे या आज तक गये
सम्यक्त्त्व का माहात्म्य है अब और क्या कहें
मेरे ही ब्रह्म भाव को ब्रह्मा बना दिया
हे कुन्द कुन्द.....
थी भूल एक मूल में पर्याय दृष्टि की
अहो द्रव्य दृष्टि की निधि मुझे आपसे मिली
भोगों की भीड में मुझे योगी दिखा दिया
हे कुन्द कुन्..............
हूँ धन्य आज मुझे समकित भवन मिला
जिसमें ना कोई अप्रमत्त नाहीं प्रमत्त मिला
तिरोभाव कर विशेषों का सामान्य दिखा दिया
हे कुन्द कुन्द.......
Негізгі бет हे कुंद कुंद आपने सच्चा पथ दिखा दिया - पंडित संजीव जैन
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