हजरत मोहम्मद النبي محمد का इन्तकाल इतना दर्दनाक क्यों था? | Sant Rampal Ji Satsang | SATLOK ASHRAM
हजरत मुहम्मद जी जब 25 वर्ष के हुए तो एक चालीस वर्षिय विधवा खदीजा नामक स्त्री से विवाह हुआ। खदीजा पहले दो बार विधवा हो चुकी थी। तीसरी बार हजरत मुहम्मद से विवाह हुआ। वह बहुत बड़े धनाङ्य घराने की औरत थी।(यह विवरण पूर्वोक्त पुस्तक के पृष्ठ 46, 51-52 पर लिखा है)।
हजरत मुहम्मद जी को संतान रूप में खदीजा जी से तीन पुत्र तथा चार बेटियाँ प्राप्त हुई। तीनों पुत्र 1. कासिम, 2. तय्यब 3. ताहिर आप (हजरत मुहम्मद जी) की आँखों के सामने मृत्यु को प्राप्त हुए। केवल चार लड़कियां शेष रहीं। (पूर्वोक्त पुस्तक के पृष्ठ 64 पर यह उपरोक्त विवरण लिखा है)।
(पृष्ठ नं. 307 से 315) हजरत मुहम्मद जी द्वारा मुसलमानों को कहा कि खून-खराबा मत करना, ब्याज तक भी नहीं लेना तथा 63 वर्ष की आयु में सख्त बीमार होकर तड़पते-2 भी नमाज की तथा घर पर आकर असहनीय पीड़ा में सारी रात तड़फ कर प्राण त्याग दिए।
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