हरिवंश राय बच्चन जी की कविता । Harivansh Rai Bachchan Poetry ।
आज मुझसे बोल, बादल!
तम-भरा तू, तम-भरा मैं,
ग़म-भरा तू, ग़म-भरा मैं,
आज तू अपने हृदय से हृदय मेरा तोल, बादल!
आज मुझसे बोल, बादल!
आग तुझमें, आग मुझमें,
राग तुझमें, राग मुझमें,
आ मिलें हम आज अपने द्वार उर के खोल, बादल!
आज मुझसे बोल, बादल!
भेद यह मत देख दो पल-
क्षार जल मैं, तू मधुर जल,
व्यर्थ मेरे अश्रु, तेरी बूँद है अनमोल, बादल!
आज मुझसे बोल, बादल!
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