हरियाणवी रिवाज की महिलाओं द्वारा गाए गए हरियाणवी लोकगीत में महिला खेत में पति की रोटी लेकर जाती है और बैलों का चारा लेना भूल जाती है !वहां जाकर पतिदेव को आवाज लगाती है! आओ खाना खा लो !जब पति पास आते हैं तो पूछते हैं बैलों का चारा कहां है ????पत्नी कहने लगी वह तो मैं भूल गई तो पतिदेव ने एक कामड़ी तोड़ी और पत्नी को ऊपर से लेकर नीचे तक खूब पीटा! मैं बड़े चाव से दामन कुर्ता और चुनरी पहन कर गई थी लेकिन पतिदेव की मार के कारण मेरे सारे फूल सितारे झड़ गए !जब घर वापस आती है तो सांस भी ताने मारती है कि कहां गए तेरे फूल सितारे???? पानी लेने जाती हूं तो जेठानी बोलती है तेरे झड़ गए फुल सितारे !फिर देवर कहता है भाभी तेरे फूल सितारे कैसे जुड़ गए???? तब वह सारी बात बताती है !और देवर कहता है! आज मेरे भाई को आने दे! मैं उसकी सारी गर्मी निकालूंगा...............
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(हरियाणवी लोकगीत) झाड़ दिए फूल सितारे................. लाइक, कमेंट, सब्सक्राइबर ,शेयर करें
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