हमारे देश की एक बड़ी परंपरा है साधु संतों को यहां भीड़ लगी रहती है भोले बाबा साकार हरि ओम के चरणों की राजधानी के लिए उनके भक्त अगर प्राण त्याग देते हैं तो सरकार को क्या आपत्ति है क्यों कब भोले बाबा किसी को बुलाने तो गया नहीं था भलाई भला सबका होता रहे तो फिर प्रकृति का नाम मिट जाएगा कितने लोगों ने ज्योतिषियों को हाथ दिखाए करते हैं या हथ्याद की रेखाओं से भाग याद का पता लगाया करते हैं सो खुद को होता है जीवन में बाकी व्यर्थ डराया करते हैं यह प्राकृतिक सहयोग है सुख और दुख इसमें कोई ज्योतिषी बाबा कुछ नहीं कर सकता अब कलयुग में सभी बाबा सभी धर्म के परमात्मा के फूफा हो रहे हैं अपने आप को परमात्मा से भी बड़ा मन रहे हैं उनका दोस्त भी नहीं है लेकिन जब इन पर कोई काम करवाने की या कोई वैसी सत्य लगा दी जाती है तो यह तुलसीदास जी तो है नहीं का अकबर जैसे राजा पर अपने योग बल से दबाव बना करके सिद्ध करते हैं ऐसे नहीं है लेकिन उनके पीछे यह पाखंड में खूब आगे हैं उनसे भी आगे हैं अब यह जनता चंद्रमा पर बात करती है मोबाइल फोन दिखती है 5G का इस्तेमाल कर रही है ऐसे लोग भी अगर इस तरीके के पाखंड में पढ़ते हैं तो उसमें किसी का दोष क्या है इससे तो इनको करने दिया जाए
@maheshprashad7753
3 ай бұрын
नारायण साकार हरि की सम्पूर्ण ब्रहमांड मे सदा सदा के लिए जय जय कार हो। यहाँ सत्य बचनों की कथा होती है अच्छे बिचारों का आदान प्रदान होता है। न एक रूपये का चढ़ावा चढ़ता है न एक रूपये दान लिया जाता है न चरण धूल न धूप बत्ती न अगरबत्ती लगायी जाती है। न किसी बहन बेटी को नारायण साकार हरि के पास जाने दिया जाता है। मीडिया सब अलूल जलूल घटिया व्यानवाजी कर रही है। मैं सन् 2008 से नारायण साकार हरि के सत्य के साथ मे जाता हूँ। जो सत्य के साथ में खर्च होता है उस जिले की कमेटी वहन करती है। 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 सत्य के साथ में जाने वाले सभी भाई बहनों के चरणों में प्रणाम है। नारायण साकार हरि के चरणों में कोटि कोटि नमन वंदन प्रणाम है।
@shivpal4305
3 ай бұрын
Super
@ArunNishad-b9m
3 ай бұрын
Great science Jay vigyan pakhand mukt Bharat Jay Bheem
@sunilkumar-yn7rb
3 ай бұрын
AISE LOG DESH KE AMAN SHANTI KE LIYE KHATRA HO SAKTE HAI GOVT INNE NAZARBAND KARE
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