श्रेय:
संगीत एवम रिकॉर्डिंग - सूर्य राजकमल
लेखक - रमन द्विवेदी
भक्तों! सादर नमन, वंदन और अभिनन्दन... भक्तों! आदि अनादि काल से देवी देवताओं की लीलस्थली रहे देवभूमि हिमाचल में जगह जगह पौराणिक क्रिया कलाप ,धाम और मंदिर प्रत्यक्ष रूप से देखने को मिलते हैं। हिमांचल प्रदेश का हर इक मंदिर किसी न किसी पौराणिक घटना को प्रमाणित करता हुआ दिखाई देता है। ऐसा ही एक मंदिर है हाटू माता मंदिर...
मंदिर के बारे में:
भक्तों हाटू माता का मंदिर हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में, नारकंडा हिल के हाटू पीक नामक शिखर पर स्थित है। जो समुद्र तल से करीब 12,000 फुट की ऊंचाई पर बना है। यहां से आप हिमालय की सभी दिशाओं का दर्शन कर सकते हैं। यह नारकंडा से 6 कि. मी. दूर है। इसके साथ ही इस जगह पर आप स्कीइंग का भी आनंद ले सकते हैं। यहाँ जंगली चीड़, देवदार के पेड़ों के अलावा लैवेंडर के सफ़ेद फूल भी देखने को मिलते हैं। इसलिए नारकंडा पूरे वर्ष पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना रहता है। नारकंडा की सड़कों पर आपको चेरी, सेब और देवदार के पेड़ देखने को मिल जाएंगे। साथ ही ठानेधार नामक स्थान सेब के बगीचों के लिए प्रसिद्ध है।
राजाओं का संबंध:
भक्तों कहा जाता है कि हाटू माता मंदिर से स्थानीय राजाओं और रजवाड़ों का न केवल पुश्तैनी संबंध रहा है बल्कि राजाओं के पुरखों और पूर्वजों का समय समय पर आवागमन भी होता रहा है।
मंदिर में नवरात्रि उत्सव:
भक्तों वैसे तो हाटू माता मंदिर में हमेशा ही भक्तों और दर्शनार्थियों का तांता लगा रहता है लेकिन आश्विन और चैत्र नवरात्रि के दोनों मौके पर यहां अपार भीड़ होती है। इस अवसर में नौ दिनों का तक माता के विशेष पूजन अर्चना और हवन अनुष्ठान आदि आयोजित किए जाते हैं। इस आयोजन में श्रद्धालुओं और भक्तों की बहुत बड़ी भागेदारी होती है। दूर दराज के भक्त यहां अपनी मुरादें लेकर आते हैं...भक्तों का मानना है कि यहां आने वाले हर भक्त की मन्नत पूरी जरुर होती है। मन्नत पूरी होने पर भक्त देवी को धन्यवाद देने भी आते हैं। और धन्यवाद स्वरूप माता की विशेष पूजा आराधना करते हैं।
स्थानीय भोजन:
बंधुओं शिमला एक खूबसूरत हिल स्टेशन है, इसे पहाड़ों की रानी भी कहा जाता है। जो अपने पर्यटकों की हर जरुरत का ख्याल रखता है। आपको शिमला में एक समृद्ध विविधता और मेनू में स्वादिष्ट भोजन के साथ अनगिनत रेस्तरां हैं। आप शिमला में यहां के लोकप्रिय तिब्बती राजवंशों के भोजन का स्वाद ले सकते हैं। इसके अलावा शहर में स्थनीय हिमाचल भोजन काफी मशहूर है।
सबसे अच्छा समय:
बंधुओं अगर आप मनु मंदिर के दर्शन के साथ छुट्टी मनाने हेतु कुल्लू जा रहे हैं तो आप के लिए अप्रैल से जून का समय बेहतर है, दर्शन के साथ यहाँ की हरियाली का आनंद लेना चाहते हैं तो आपके लिए जुलाई से नवंबर का समय उचित होगा और यदि आपको दर्शन के साथ साथ बर्फवारी का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो आपके लिए दिसंबर से मार्च का समय उचित होगा।
दर्शनीय स्थल:
भक्तों, अगर आप शिमला के हाटू माता मंदिर की यात्रा पर जा रहे हैं तो कुल्लू घाटी में देवी देवताओं के सैकड़ों मंदिर हैं उनका दर्शन भी अवश्य करें। यदि आप सैर सपाटे का शौक भी रखते हैं तो आप वॉटर और एडवेंचर स्पोर्ट, नग्गर, जगतसुख, देव टिब्बा, बंजार, मणिकर्ण और रुमसू आदि के पर्यटन का आनंद ले सकते हैं।
भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद। दर्शन ! 🙏
इस कार्यक्रम के प्रत्येक एपिसोड में हम भक्तों को भारत के प्रसिद्ध एवं प्राचीन मंदिर, धाम या देवी-देवता के दर्शन तो करायेंगे ही, साथ ही उस मंदिर की महिमा उसके इतिहास और उसकी मान्यताओं से भी सन्मुख करायेंगे। तो देखना ना भूलें ज्ञान और भक्ति का अनोखा दिव्य दर्शन। 🙏
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि तिलक किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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