हिमालयन हाइवेज। HIMALAYAN HIGHWAYS
नागनी माता मंदिर परिसर में बाबा भैरवनाथ की इस खूबसूरत स्तुति के साथ आपका स्वागत है नारायणबगड़ विकासखण्ड स्थित डूँगरी गांव में। हिमालयन हाइवेज के पिछले एपिसोड में हमने आपको डूँगरी ग्राम सभा में स्थित पैंतोली गांव की जीवनशैली से रूबरू करवाया था। इस एपिसोड के दूसरे हिस्से में आज देखिए डूँगरी गांव की जीवनशैली और लोकसंस्कृति। कड़ाकोट पट्टी के गांव डूँगरी में धार्मिक आस्था के केंद्र के रूप में बाबा भैरवनाथ मन्दिर और नागनी माता मंदिर हमेशा से लोगों को आशीष देते आये है। आइए शुरू करते है आज का यह सफर डूँगरी गांव से...
चमोली जनपद के नारायणबगड़ विकासखण्ड स्थित कड़ाकोट पट्टी में स्थित है डूँगरी गांव। परखाल बाजार से सड़क मार्ग के जरिये अब डूँगरी गांव तक पहुंचना आसान हुआ है और इसके चलते स्थानीय लोगों के जीवन में भी बदलाव आए है। काफी ऊंचाई में स्थित होने के चलते डूँगरी गांव से दूर दूर तक फैले पहाड़ और गांव काफी आकर्षक नजर आते है। डूँगरी गांव में आबादी की बसावट अलग अलग हिस्सों में है जिसके चलते इस गांव का क्षेत्रफल काफी ज्यादा दूरी तक फैला नजर आता है। परम्परागत पहाड़ों की जीवनशैली के साथ डूँगरी गांव में इतिहास काफी विस्तृत है। स्थानीय लोगों के मुताबिक यहां आबादी के विस्तार के साथ क्षेत्रफल का दायरा भी बढ़ता रहा जिसके चलते कई परिवार इस गांव में रहने लगे। डूँगरी गांव में धार्मिक आस्था की बात करें तो यहां नागनी माता मंदिर गांव के बीच मे स्थित है। नागनी माता मंदिर के चलते यहां धार्मिक अनुष्ठान को लेकर कई नियम कायदे भी है। गांव में ही बाबा भैरवनाथ का प्राचीन मंदिर स्थित है और हर मनोकामना पूर्ण करने वाले बाबा भैरव नाथ के इस मंदिर का दूर दूर तक महत्व है। साल भर बड़ी संख्या में भक्त यहां बाबा के दर्शन करने पहुंचते है और अपने दर पर आए भक्तों को हमेशा ही बाबा का आशीष प्राप्त होता है।
कड़ाकोट पट्टी के इस हिस्से में डूँगरी गांव का हमेशा ही विशेष स्थान रहा है। घने जंगलों से लगी वन सीमा के साथ डूँगरी गांव में खेती की उपजाऊ जमीन हमेशा से भरपूर अन्न उगाती रही है। पशुपालन और कृषि के साथ आगे बढ़ते डूँगरी गांव में बुनियादी सुविधाओं के आने से हालात पहले के मुकाबले बेहतर हुए है। सड़क मार्ग के बनने से अब स्थानीय लोगों को कई किलोमीटर का पैदल सफर तय नही करना पड़ता है। पहाड़ों की जीवनशैली में बुजुर्गों के अनुभवों को सुनना हमेशा ही भावुक कर जाता है और इसकी तस्वीरें इस गांव में भी नजर आती है।
डूँगरी गांव में लोकसंस्कृति के रंग हमेशा से ही अपनी अलग पहचान के साथ नजर आए है। धार्मिक आस्था के चलते यहां स्थानीय संस्कृति की अपनी पहचान है। साल भर आयोजित होने वाले धार्मिक आयोजनों में ग्रामीण बड़ी संख्या में हिस्सा लेते है साथ ही अपने पौराणिक रीति-रिवाजों के साथ सभी परम्पराओं का निर्वहन करते है। मौजूदा वक्त में पलायन पहाड़ों की बड़ी समस्या रही है लेकिन पहाड़ों से पलायन के बाद भी शहरों में रह रहे परिवार हमेशा गांव की जड़ों से जुड़े रहते है। हिमालयन हाइवेज के आज के सफर में इतना ही जल्द ही एक नए एपिसोड के साथ आपसे मुलाकात होगी। आपको हमारा यह एपिसोड कैसा लगा कृपया कमेंट कर अवश्य बताएं साथ ही हमारे चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें।
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