हिंदी हमारी जननी है भाषा है ज्ञान है
ठहरे हुए भावों को जो देती उड़ान है
हिंदी वही जिसने दिया,राग गीत छंद को
हिंदी वही जिसने दिया जन्म प्रेम चंद को
हिंदी वही जो पीड़ा को प्रेम तक ले आती है
हिंदी वही बढ़ा दे जो मन के परमानंद को
हिंदी वही जो सबकी भावना का ध्यान है
हिंदी वही जो हर हृदय की बन गई आवाज़ है
हिंदी वही जो कवियों की कविता का साज है
हिंदी वही जो संसदों में भी कही बोली गई
हिंदी वही जिसप हमे और आपको भी नाज़ है
हिंदी जहाँ भी जाती छोड़ती निशान हैं
हिंदी वही जो अ से ज्ञ के शब्दो की है श्रृंखला
हिंदी वही आशीष जिसका माँ के रूप में मिला
हिंदी वही जो मेरे गीतों कविता का आधार है
हिंदी वही पाकर जिसे किसी से ना कोई गिला
हिंदी के आगे सबकी फीकी फीकी शान है
हिंदी वही जिसने मुझे पढा लिखा बड़ा किया
हिंदी वही जिसने मुझे बालक से लड़का किया
हिंदी वही जो मेरे सारे कार्यो की भाषा बनी
हिंदी वही जिसने मुझे यहाँ पे ला खड़ा किया
हिंदी वीरेंद्र के सभी सपनो की जान है
Негізгі бет हिंदी हमारी जननी है भाषा है ज्ञान है। हिंदी दिवस कविता। वीरेंद्र राठौर
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