: कई महीनो से कुछ दुष्ट ट्रोलर्स मल्टीप्लीकेशन वाले रिसर्च पेपर पे आरोप लग रहे थे कि इस शोध मे वैदिक ग्रंथो के प्रमाण जबरन और व्यर्थ ही दिये गये है ।
: यानी यह शोध मोहित गौड़ ने स्वयं से ही सोचा है ये मानने के लिए ये टेलीग्राम ट्रॉलर्स तैयार है पर ग्रंथो को जो क्रेडिट दिया उसे व्यर्थ सिद्ध करना चाहते थे
[ उन श्लोको का रिसर्च से कोई सम्बन्ध नही ये प्रूव करने के लिए वे व्याकरण के पारम्परिक विद्वानों तक को बुलाकर लाए । परन्तु उनके द्वारा बुलाए गये विद्वानो ने उन्हीके खिलाफ फैसला सुनाकर मोहित गौड़ के पक्ष मे ही निर्णय सुना दिया ।
[ देखिये अंत तक । कैसे हुआ अक्षेपो का पटाक्षेप
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Негізгі бет (Hot Debate) Vigyan Darshan vs Troll army. विपक्षी विद्वान ने की रिसर्च के समर्थन में घोषणा
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