चक्र का अर्थ सिर्फ चक्कर है ,जैसे जैसे ज्ञान बढ़ता है चक्र खुलता ,बिना ज्ञान के कुण्डलिनी संभाल निहि पाते है ,वैसे परमात्मा संभाल लेते है पर साधक समझ नही पाता ,उससे अच्छा है आचार्य प्रशान्त जी से गीता वेदांत सीखो सब हो जाएगा , हम है नहीं ,बिना ज्ञान और समर्पण के सब व्यर्थ है ,लोगो को कुछ कुछ चाहिए पर कामवासना छोड़ निहि सकते अहम ही जीते है ,न शरीर अपना है न ये विचार न मन ,निर्मल मन ही आत्मा है ये समझना ही बहोत है ,जगत तो मिथ्या है फिर भी जीने की लालच यही अहंकार है , ज्ञान लो और जीवन जिये ,सब मिलेगा बस मांगना छोड़ दो
@chandrashekharprajapati471
11 ай бұрын
मैडम जी आपकी कुंडली शक्ति जागृत हुई है
@pragyamshastram8403
11 ай бұрын
यह आप मुझसे मिलने के बाद महसूस कीजिएगा
@आदमसबकाबाप
11 ай бұрын
भाई अचार्यप्रश्नत जी को सुनो
@आदमसबकाबाप
11 ай бұрын
दीदी कुण्डलिनी शक्ति अध्यात्म में नही है 8 वी शताब्दी किताबो डाला गया , ज्ञान जरूरी है बस
@pragyamshastram8403
11 ай бұрын
क्या आठवीं शताब्दी में आध्यात्मिक ज्ञान नहीं था
@आदमसबकाबाप
11 ай бұрын
दीदी माफ कीजिये पर पहले ज्ञान दीजिये हम कौन ये सब क्यो होता है करना क्या है उद्देश्य क्या है , ये ध्यान सेंटर इस्कोन वाली शिक्षा मत दीजिये ,आप ले कृपा हुई आप को परमात्मा ने निकाल लिया पर ये लोग सिद्धि के लिए अधत्म्य में आना चाहते है ,गीता को समझना नही चाहते , इनको बोलो सेक्स छोड़ दे ,दारू छोड़ दो ,लड़कियों को देखना छोड़ दो यहाँ तक नॉनवेज और ज्यादा खाना छोड़ दो नही करेंगे ये ,आप अच्छा काम कर रहे है कीजिये भगवान आपको और तरक्की दे
@pragyamshastram8403
11 ай бұрын
हमने इस विषय में पहले बताया
@pragyamshastram8403
11 ай бұрын
और हम क्यों किसी से कुछ छोड़ने के लिए
@pragyamshastram8403
11 ай бұрын
जब उनका मन आत्मा समझ जाता है वे छोड़ देते हैं हमें कहना ही नहीं पड़ता
@pragyamshastram8403
11 ай бұрын
जब उनका मन आत्मा समझ जाता है वे छोड़ देते हैं हमें कहना ही नहीं पड़ता
@pragyamshastram8403
11 ай бұрын
हम यह प्रयास करें वह जिस मार्ग से मानवता की ओर लौट सके वह रास्ता अपनाएं धीरे-धीरे वह गीता को भी समझ जाएंगे हम उस पर दबाव क्यों डालें कि वह गीता ही समझे और तभी वह सही रास्ते पर चल सकता है। आपका प्रेम स्नेह उसे सब मार्ग पर चला सकता है
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