चलिए समझते हैं कि अच्छे स्टॉक चुनने की तरफ स्टॉक मार्केट में आपको कई जगह पर स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने की क्वालिटी जरूर पर रखना चाहेंगे हालांकि उत्तर और फाइनेंशियल मैट्रिक्स देखकर आप घबरा भी सकते हैं बैलेंस शीट रेशों से लेकर कीमत लगाने तक सैकड़ो पैरामीटर है कि पर गौर करें किस अहमियत डेनवेस्टर प्रॉफिट ग्रोथ नंबर से शुरुआत करते हैं क्योंकि यह फाइनेंशियल स्टेटमेंट में उभर के सामने आते हैं
और आसानी से मिल जाते हैं प्रॉफिट ग्रोथ से शुरू करके और इस पर ज्यादा ध्यान देकर आप बहुत बड़ी गलती करेंगे कोई भी कंपनी प्रॉफिट नंबर में आसानी से हेर फेर कर सकती है इसके बाद भी बड़े प्रॉफिट रियल कैश फ्लो का यकीन नहीं दिला सकते एक कंपनी नेगेटिव कैश फ्लो के साथ भी 10 लाख तक का प्रॉफिट दिखा सकती है इसके बावजूद प्रॉफिटेबल ग्रंथ की वजह भारी कर्ज भी हो सकता है कम शब्दों में कहे तो प्रॉफिट ग्रोथ से किसी बिजनेस की क्वालिटी पर यकीन नहीं किया जा सकता आई 100 साल से ज्यादा पुरानी और लोकप्रिय कंपनी कॉक्स एंड किंग्स पर नजर डालते हैं
मार्च 2018 तक कंपनी में अच्छी प्रॉफिट ग्रोथ की असल में 153% हालांकि अगस्त 2018 तक स्टॉक प्राइस 270 से नीचे गिरकर सिर्फ 10 पर आ गया इसके चलते 95% से ज्यादा का नुकसान झेलना पड़ा आगे चलकर पता चला कि प्रॉफिट में हेयर की गई थी अच्छे प्रॉफिट ग्रोथ के बावजूद भी कुछ ही सालों में 70 से 90% तक स्टॉक प्राइस करा स करने की सैकड़ो में सेल हैं सेल्स नंबर्स यह एक और बड़ी दिक्कत है सेल्स ग्रोथ से शेयर होल्डर का फायदा होने की बात पर यकीन नहीं किया जा सकता आप इस बारे में सही-सही नहीं बता सकते की कितनी सेल्स करके कितने पैसे बना रहे हैं
और क्या उन सेल से मार्जिन जुड़ा हुआ है या नहीं सबसे जरूरी बात सेल्स नंबर में भी हेरा फेरी की जा सकती है मान लीजिए आपका एक बड़ा रेस्टोरेंट है और हर दिन आप ढेर सारे कस्टमर को खाना परोसते हैं जिससे आप बड़ी सेल के तौर पर बता सकते हैं हालांकि मायने रखता है कि दिन खत्म होते-होते अपने कितने पैसे कमाए यह भी मुमकिन है कि आपका कंपीटीटर खर्चों में सुधार करने पर ध्यान देकर काम सेल होने पर भी आपसे ज्यादा मुनाफा कमा रहे हो मालिक की निगरानी में चलने वाले उन छोटे बिजनेस को समझना आसान है जहां कमाने का सिर्फ एक जरिया होता है और खर्च भी लगभग तय है जो कंपनी स्टॉक मार्केट में लिस्ट हो रही है
उसकी कमाई और खर्चों की बनावट बेचीदा है कमाई के कई जारी हैं खर्चों के कई रास्ते हैं और इन सबसे बढ़कर उनकी कई सब्सिडी भी हो सकती है यह सब मिलकर उनकी फाइनेंशियल स्टेटमेंट को पेचीदा बना देते हैं क्योंकि बिजनेस में कई तरह से कमाई और खर्च रिपोर्ट कर सकते हैं इसीलिए आंकड़ों में हेरा फेरी करना आसान हो जाता है इसके अलावा बड़े अकाउंट फॉर्म अपनी बैलेंस शीट बनाते हैं इसीलिए उन कंपनी के मुनाफे का पता लगाना बेहद मुश्किल होता है कई बड़ी कंपनी अपने मुनाफे के आंकड़े बदल देती हैं क्योंकि उन्हें पता है
कि कम जानकारी सबसे पहले प्रॉफिट ग्रोथ पर गौर करेंगे कई फाइनेंशियल रिजल्ट में आपको यह देखने को मिलेगा कि प्रॉफिट और सेल्स ग्रोथ नंबर को अलग से हाईलाइट किया जाता है यह तय है कि कंपनी स्टॉक की कीमत में बेवजह के उतार-चढ़ाव से बचने के लिए और प्रॉफिट और सेल्स ग्रोथ को बेहतर दिखने के लिए जी जान लगा देगी कम या बिना उतार-चढ़ाव वाला स्टॉक प्राइस मूवमेंट आसानी से फंड उठाने में प्रमोटर्स की मदद करता है
इसीलिए प्रमोटर्स कभी भी प्रॉफिट और सेल्स नंबर में अचानक उतार-चढ़ाव नहीं देखना चाहेंगे इसीलिए इन्वेस्टर को इस मेट्रिक्स पर ध्यान नहीं देना चाहिए अब बड़ा सवाल यह है अगर हम प्रॉफिट और सेल्स नंबर को सबसे कम अहमियत देते हैं तो हम किस अहमियत दें जवाब यह है इक्विटी पर रिटर्न यानी आर ओ ए शेयर होल्डर होने के नाते आपको इस बात का पता होना चाहिए कि प्रमोटर आपके पैसों का इस्तेमाल किस तरह कर रहे हैं क्या वह अपने शेरहोल्डर के लिए पैसे बना रहे हैं या फिर अपने लिए
Негізгі бет how to start in stock market || surwat kyse kare
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