भायप भगति भरत आचरनू, कहत सूनत दुःख दारुन हरनू। यदि न होत जग जनम भरत को, सकलधरम धुरी धरना धरत को।। भरत महा महिमा जग रासी, आदि कितने दृष्टान्त है,जो आनन्द से हृदय परिवर्तित कर देते है,आप ने बहुत सुन्दर सूत्रों सेपंसग को हृदयग्राही बना दिया है।सादर प्रणाम।
@annuthakur3226
3 ай бұрын
,🙏🙏
@ranaperveenikhlaq9745
3 ай бұрын
Saral saras Gambhir Vachan Sudha ham aapke harat hriday ki peer Dhanya sant Anand Singh
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