राजनैतिक मे आदिवासी आदिवासी के साथ नही बनता है।सरकारी नौकरी पेशा मे आदिवासी आदिवासी के साथ नही बनता है।ठीक इसके बिपरीत गाँव देहांत मे रह्ते हैं वहा पर भी अपना गौतीय मे नही बनता है ।एक गाँव दूसरा गाँव से नही बनता है।यही सच्चाई है वर्तमान समय का आदिवासी जीवन शेली।
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