इस मंदिर का रहस्य आपको हैरान कर देगा
ज्ञान सरस्वती मंदिर बासर ,Gyan Sarasvati Mandir
इस मंदिर के विषय में प्रचलित मान्यता है कि महाभारत के रचयित वेद व्यास जब मानसिक उलझनों से उलझे हुए थे तब शांति के लिए तीर्थ यात्रा पर निकल पड़े, अपने मुनि वृन्दों सहित उत्तर भारत की तीर्थ यात्राए कर दंडकारण्य पहुंचे जिसका कालांतर में अपभ्रंष होकर बासर नाम पड़ गया। उन्होंने गोदावरी नदी के तट के सौंदर्य को देख कर कुछ समय के लिए यहीं पर रुक गए. वे गोदावरी नदी के किनारे कुमारचला पहाड़ी पर पहुंचे और देवी की आराधना की। उनसे प्रसन्न होकर देवी ने उन्हें दर्शन दिए। देवी के आदेश पर उन्होंने प्रतिदिन तीन जगह तीन मुट्ठी रेत रखी। चमत्कार स्वरूप रेत के ये तीन ढेर तीन देवियों की प्रतिमा में बदल गए जो सरस्वती, लक्ष्मी और काली कहलाईं। मंदिर में माता सरस्वती के अलावा काली, शिव आदि देवी-देवताओं के मंदिर भी है। ये इलाका महाराष्ट्र की सीमाओं से लगा है, इसलिए यहां की भाषा में मराठी घुली हुई है। हैदराबाद से ये शहर लगभग 215 किमी दूर है।
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