इस साल जनवरी में संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च अदालत ने अपने एक फ़ैसले में कहा था कि इसराइल को ग़ज़ा में जनसंहार रोकने के लिए हर ज़रूरी क़दम उठाना होगा. उसे सार्वजनिक तौर पर नरसंहार के लिए उकसाने वाले बयान न देने के लिए भी कहा गया था. इसराइल अपने ऊपर लगने वाले जनसंहार के आरोपों को ख़ारिज करता रहा है. उसका कहना है कि इंटरनेशनल कोर्ट में उसके ख़िलाफ़ लाया गया मामला अपमानजनक है. लेकिन क्या कोर्ट के फ़ैसले के बाद इसराइल ने इस दिशा में कोई क़दम उठाए? अगर हां तो वो क़दम क्या थे? इस बीच इसराइल की तरफ़ से सार्वजनिक तौर पर क्या बयान दिए गए हैं. बीबीसी की अरबी सेवा ने इसकी जांच की. देखिए ये एक्सक्लूसिव रिपोर्ट.
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Негізгі бет Israel Hamas War: क्या इसराइली नेताओं ने अपने बयानों से लोगों को उकसाया? (BBC Hindi)
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