जंगल का नन्हा दोस्त #Cartoon #StoryHouse
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तो चलिए कहानी को शुरू करते हैं ।
जंगल का नन्हा दोस्त
एक बार की बात है, अर्जुन नाम का एक छोटा बच्चा था, जो अपने माता-पिता के साथ एक गांव में रहता था। अर्जुन बहुत ही जिज्ञासु था और उसे प्रकृति और जंगल की चीज़ें बहुत आकर्षित करती थीं। एक दिन, अर्जुन अपने माता-पिता के साथ पिकनिक के लिए जंगल के किनारे पर गया। खेलते-खेलते, अर्जुन जंगल में बहुत दूर चला गया और रास्ता भटक गया।
अर्जुन को एहसास हुआ कि वह खो गया है। चारों तरफ ऊंचे-ऊंचे पेड़ और गहरी झाड़ियाँ थीं। उसने अपने माता-पिता को पुकारा, लेकिन कहीं से कोई जवाब नहीं आया। थोड़ी देर में, अंधेरा होने लगा और जंगल के जानवरों की आवाजें आने लगीं। अर्जुन को डर लगने लगा, लेकिन वह हिम्मत नहीं हारा और अपने चारों ओर ध्यान से देखने लगा।
जैसे ही अर्जुन एक पेड़ के पास बैठने की कोशिश कर रहा था, तभी अचानक झाड़ियों से एक भयानक गर्जना हुई। अर्जुन ने देखा कि सामने एक बड़ा और ताकतवर शेर उसकी तरफ बढ़ रहा था। शेर की नजर अर्जुन पर थी और वह उसे अपना शिकार समझ रहा था। अर्जुन की सांस रुक गई, उसकी टाँगें कांपने लगीं, और वह वहां से भागने की कोशिश करने लगा।
लेकिन शेर बहुत तेज था। उसने अर्जुन को घेर लिया और अपने पंजों से उसकी ओर झपटा। अर्जुन की आंखों के सामने अंधेरा छाने लगा। वह समझ नहीं पा रहा था कि वह क्या करे।
तभी अचानक, जंगल की एक और आवाज गूंजी - यह आवाज एक विशाल हाथी की थी। यह हाथी जंगल का राजा माना जाता था, और उसका नाम वीरू था। वीरू ने शेर की गर्जना सुनी और देखा कि एक छोटा बच्चा खतरे में है। वीरू तुरंत अर्जुन की मदद के लिए दौड़ा।
हाथी वीरू ने तेजी से दौड़कर शेर और अर्जुन के बीच खड़े होकर अपनी लंबी सूंड से शेर को पीछे धकेल दिया। शेर एक पल के लिए पीछे हट गया, लेकिन वह अभी भी अर्जुन को पकड़ने की कोशिश में था। वीरू ने शेर को चेतावनी दी, "यह बच्चा अब मेरे संरक्षण में है। अगर तुमने इसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश की, तो अंजाम बुरा होगा।"
लेकिन शेर को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ा। उसने फिर से हमला करने की कोशिश की।
तभी जंगल का एक और मित्र, भालू बलू, वहां आ पहुँचा। बलू वीरू का सबसे अच्छा दोस्त था, और उसने देखा कि शेर अर्जुन पर हमला करने की फिराक में है। बलू ने अपनी ताकतवर दहाड़ लगाई और शेर के सामने खड़ा हो गया। अब शेर को समझ आ गया था कि उसे दो बड़े और ताकतवर जानवरों का सामना करना पड़ेगा।
बलू ने शेर की ओर बढ़ते हुए कहा, "यह बच्चा हमारा मेहमान है। तुम इसे नुकसान नहीं पहुंचा सकते।" शेर ने बलू और वीरू को घूरा, लेकिन वह जानता था कि अकेले इन दोनों से लड़ना मुश्किल है। आखिरकार, शेर वहां से धीरे-धीरे पीछे हटने लगा और जंगल के अंधेरे में गायब हो गया।
अर्जुन बहुत डर गया था, लेकिन वीरू और बलू की मदद से वह सुरक्षित था। वीरू ने अपनी सूंड से अर्जुन को उठाया और उसे आराम से अपने ऊपर बैठा लिया। अर्जुन ने वीरू की सूंड को कसकर पकड़ लिया और उसकी बड़ी आंखों में देखा। अर्जुन की आंखों में कृतज्ञता के आँसू थे।
बलू ने हंसते हुए कहा, "अब तुम्हें डरने की कोई ज़रूरत नहीं, छोटे दोस्त। हम तुम्हें सुरक्षित तुम्हारे घर तक पहुँचाएंगे।"
वीरू और बलू ने अर्जुन को जंगल के रास्तों से बाहर निकाला। जंगल अब उतना डरावना नहीं लग रहा था, क्योंकि अर्जुन के साथ दो बड़े और भरोसेमंद दोस्त थे। कुछ ही देर में, वे जंगल के किनारे पहुँच गए, जहाँ अर्जुन के माता-पिता उसे ढूंढ रहे थे। जब उन्होंने अर्जुन को देखा, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
अर्जुन ने अपने माता-पिता को वीरू और बलू के बारे में बताया। उन्होंने अर्जुन के इन अनोखे दोस्तों को धन्यवाद कहा, और वीरू और बलू ने एक-दूसरे की तरफ मुस्कुराते हुए अर्जुन को अलविदा कहा। अर्जुन जानता था कि वह हमेशा जंगल में इन दोनों के दोस्त रहेगा।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमने सीखा कि अगर हम कभी मुसीबत में हों, तो हमें डरने की जगह धैर्य रखना चाहिए। सच्चे दोस्त हमेशा हमारी मदद करने के लिए आते हैं, चाहे वे इंसान हों या जानवर।
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कहानी देखने के लिए आपका धन्यवाद।
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