आपकी कहानी तथ्यों से परे है, ना तो सरस्वती काला अम्ब मे है और ना ही ठस्का मीरा जी के पास है, सरस्वती जी रणजीतपुर के पास गांव कठगढ़ की पहाड़ियों मे से निकलकर बिलासपुर के पास से गुजरती हुई मुस्तफाबाद ( सरस्वती नगर ) से होती हुई पिपली और शाहबाद की बीच मे से गुजरती हुई पिहोवा की तरफ बढ़ गई थी।
@Salmandholakmaster
2 жыл бұрын
Kala aamb main kaha hai sarsvati😂😂😂 Kuch bhi🤔😂😂
@sidharthsharmatech
Жыл бұрын
Ye kahani bna rah humare kisi bhi dharmik book mei nhi hai ye kahani
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