ये कहानी जालोर की है। जहां के राजा कान्हड़ देव जी और उनके पुत्र विरम देवजी ने मुगलों के सामने कभी सर नहीं झुकाया और मुगलों की नाक में दम कर रखा था। आखिर कार अपने देश और अपने सम्मान की रक्षा करते हुए बलिदान हो गए।
- Күн бұрын
Jalore city ka itihas khilji का युद्ध war | Kanhad dev | Jalore ka yudha | Jalore Rajasthan history
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