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#झारखंड में 6 साल (2015 से 2020) में 207 #डायन हत्या की गई। वहीं, इन 6 साल में डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम के तहत 4,560 मामले दर्ज किए गए।
डायन बताकर जान ने मारने के मामले खासतौर से आदिवासी इलाकों में देखने को मिलते हैं। झारखंड के ग्रामीण इलाकों में यह बड़ी समस्या है। डायन या बिसाही (बुरी नजर वाला व्यक्ति) बताकर किसी को मारने के पीछे मुख्य तौर पर कुछ वजहें सामने आती हैं, जैसे- जलन, कोई स्वार्थ, जमीन हड़पने की साजिश या तांत्रिक-ओझा (अंधविश्वास) का चक्कर।
इन तमाम वजहों से झारखंड में 6 साल (2015 से 2020) में 207 डायन हत्या की गई। वहीं, इन 6 साल में डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम के तहत 4,560 मामले दर्ज किए गए, यानी इन मामलों में किसी को जान से मारा गया, किसी को मारने की कोशिश हुई तो किसी को डायन के नाम पर प्रताड़ित किया गया। यह आंकड़े झारखंड के अपराध अनुसंधान विभाग (CID) द्वारा इंडियास्पेंड को उपलब्ध कराए गए हैं।
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Негізгі бет झारखंड 'डायन' हत्या: अंधविश्वास के साथ वजह और भी | IndiaSpend
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