Күн бұрынजिगर मुरादाबादी की ग़ज़ल - शाएर-ए-फ़ितरत हूँ जब भी फ़िक्र फ़रमाता हूँ मैं Рет қаралды 222सनद-ΣΑΝΑΔ 1 1 Жүктеу
Пікірлер: 1