कोली जाती का इतिहास | कोली जाती के लोग कौन होते है | सूर्यवंशी मंधाता कोली | कोली जाति की उत्पत्ति इक्ष्वाकु वंश के महाराज मांधाता कोली से हुई है इसी वंश में आगे जाकर महाराज दशरथ तथा उनके पुत्र भगवान राम का भी जन्म हुआ कोली वंशावली का लेखा-जोखा रखने वाले पटिया के अनुसार कोली वंश में ही भगवान बुद्ध तथा संत कबीर का भी जन्म हुआ था कोहली लोग बहुत ही बहुत दूर हुआ करते थे कोली लोगों ने अपनी वीरता के दम पर मुगलों से लेकर अंग्रेजों तक अपना लोहा मनवाया था कोली लोग स्त्रियों के अलावा खेती का कार्य भी किया करते थे कोली लोग जुलाहे का भी कार्य किया करते थे या यह मंगल भी थे कोली समाज महाराष्ट्र तथा गुजरात के समुद्र तट पर मछली पकड़ने का भी काम करता है कोली समाज की ही देवी मुंबा के नाम पर मुंबई का नाम रखा गया है दोस्तों कोली समाज ने कई सारे वीर सपूतों को जन्म दिया है । औरंगजेब ने महादेव कोली समाज के लोगों पर बहुत अत्याचार किए तथा जुन्नर के किले पर उनके सिरों का पिरामिड भी बनाया था कोली समाज अंग्रेजों से भी लगातार संघर्ष करते रहे परंतु अंग्रेजों ने लैंड रिफॉर्म्स लाकर गोलियों की जमीन कम कर दी जिससे उन्हें काफी आर्थिक नुकसान हुआ अंग्रेजों द्वारा कपड़े करवाने का भी बहुत बड़ा नुकसान हुआ इस दो तरफा माली समाज जेल नहीं पाया तथा भारत के आजाद होने के बाद कोली समाज को अन्य पिछड़ा वर्ग तथा शेड्यूल कास्ट में ही रखा गया । अंग्रेजों ने कोली ट्राइब को क्रिमिनल ट्राइब घोषित कर दिया था /
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Негізгі бет कोली समाज का इतिहास | History of Koli Community | Koli caste | सूर्यवंशी कोली जाती
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