कारगम नृत्य एक लोक नृत्य है जो तमिलनाडु राज्य में किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि कारगम तमिलनाडु के तंजावुर गांव में शुरू हुआ है। ग्रामीणों ने बारिश की देवी "मारी अम्मान" की स्तुति और देवी नदी "गंगाई अम्मान" को उनके परंपरा के एक हिस्से के रूप में यह नृत्य प्रस्तुत किया है। मारीममान की मूर्ति जुलूस में होती है
तमिलनाडु में लोक नृत्यों की एक समृद्ध संस्कृति है. इसके अलावा, तमिलनाडु के कुछ और लोक नृत्य ये हैं
आज हमने जिस फोक फॉर्म को चुना है उसकी जनस्थली तमिलनाडु है और उसका नाम रखा है कारगम। कहते हैं कारगम देवी मरिअम्मन का सिंबल है। जिन्हे दक्षिण भारत में पूजा जाता है। कारागम का अर्थ होता है "जल-पात्र" या "वाटर-वेसल" ये generally पीतल का एक वेसल होता है जिसमे पानी, सुपारी, एक बनाना, एक सिक्का डाल कर नीम या आम के पत्तों से भर दिया जाता है, फूलों से सजाया जाता है और बाँध के सिक्योर किया जाता है जिस से इसके भीतर का प्रसाद गिरने न पाए और फिर आर्टिस्ट इसे अपने सर पर रख कर करगट्टम डांस करता है।
ये फोक डांस दो तरह का होता है। एक है अट्टा कारगम जो आमतौर पर कल्चरल festivities के लिए prepare किया जाता है और दूसरा है शक्ति कारगम जो रिलीजियस इवेंट्स के लिए prepare किया जाता है। जहाँ अट्टा कारकम एंटरटेनमेंट के लिए किया जाता है वहीँ शक्ति कारकम मंदिरों में एक स्पिरिचुअल ऑफरिंग है।
Негізгі бет कारगम नृत्य Kaaragam Folk | Tamilnadu Folk | South Indian Folk |
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