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1. भाग दो तक आपने देखा की सुल्तान अधम बादशाह के अपने ही सबसे विश्वास पात्र पीर ने बादशाह की अंगूठी चुरा ली थी, और जब बादशाह को इस बारे में पता चला तो उसने अपने पीर को जेल में डलवा दिया।
वही इसके बाद बादशाह सभी मुल्लों काजियों तथा संत महात्माओं महल बुलवाकर उन्हें सवालों में फंसा कर जेल में डालने लगा। सैकड़ों की संख्या में संतो तथा पीरों को जेल में डालने लगा।
अब देखिए की कैसे पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी अपने भक्त अधम सुल्तान को सच्ची राह पर लाने के प्रयास करते हैं।
2. एक दिन शाम के समय परमेश्वर कबीर साहेब एक भैंसे के ऊपर बैठकर बादशाह सुल्तान अधम के महल की तरह आए।
परमेश्वर सीधे बादशाह के दरबार में पहुंच गए।
साधु की वेशभूषा देख कर बादशाह के मन में वही ईर्ष्या होने लगी।
A. यहां कैसे आ गए आप, और क्या लेने आए हो यहां।
G. में आपको आपके सवालों के जवाब देने आया हूं।
A. अच्छा, तो बताओ, अल्लाह कहां है और कैसा है, और अगर आपने उसे पाया है तो मुझे भी मिलाओ उससे।
G. अरे भेंसाराम, खुदा की कसम, सब्र के साथ सत्य बताना। बादशाह को अल्लाह के बारे में बताओ।
B. ए अधम सुल्तान, मेरे ऊपर जो बैठा है, यही वो अल्लाह है, वो कादर अल्लाह यही है। इसके चरण पकड़ ले। और शुक्रिया अदा कर।
बादशाह चौंक गया और भयभीत सा हो गया।
A. या अल्लाह, भैंसा कैसे बोल सकता है।
बादशाह कुछ कर पाता की इतने कबीर साहेब अंतर्ध्यान हो गए।
बादशाह को चक्कर आ गया आसन पर गिर गया।
कुछ देर बाद बादशाह को होश लाया गया।
M. डरने की कोई बात नहीं है बादशाह, वो कोई सेवड़ा लगता है और आप पर तंत्र फेर कर बेहोश कर दिया।
उधर परमात्मा सीधे बादशाह की जेल में पहुंचे, जहां साधु महात्मा चाकिया चला रहे थे और भगवान को याद कर- कर रो रहे थे।
S. अरे ये साधु कहां से आ गया।
G. भाई मुझे आपके बादशाह ने भेजा है।
S. अरे वाह, ऐसे ही साधु चाहिए हमे जो अपने आप आ जाए। चलो आप भी चलो अंदर।
कबीर साहेब ने देखा की साधु महात्मा रो रहे है और चाकियां चला रहे है।
G. भाई सैनिकों, हम एक काम करेंगे, या तो चाकी चलवा लो या फिर दाना डलवा लो।
S. अच्छा, तुम बड़े आए उग्रवादी बनकर? चलो ठीक है।
अब तुम सब चाकियाँ चलाओ और हम दाना डालेंगे।
G. ठीक है, भाई सभी संत महात्मा अपनी आंखे बंद कीजिए।
सभी ने आंखे बंद की। कबीर साहेब ने एक बड़ी लकड़ी घुमा कर सभी रखी तीन सौ साथ चक्कियों को एक साथ चला दिया।
G. लो भाई जवानों, अब डालते जाओ दाने।
कबीर साहेब ने सभी महात्माओं को वहां से गायब किया और जेल से दूर प्रकट कर दिया।
G. भाई भक्तों, चले जाओ यहां से दूर, इस बादशाह के नगर में वापस मत आना।
सभी संत महात्मा वहां से चले गए।
उधर जेल में चक्कियां अपने आप चलती देख सभी सैनिक और सेवक भाग गए।
उनमें से एक ने जाकर बादशाह को खबर दी।
S. बादशाह, न जाने एक साधु था या कोई सेवड़ा, वह सभी संत महात्माओं को जेल से गायब करके भगा ले गया और चाकियां अपने आप चल रही है।
बादशाह और मंत्रियों ने आकर देखा तो सच में चक्कियां अपने आप चल रही थी। बादशाह के देख लेने के कुछ देर बाद बंद हो गई।
बादशाह असमंजस में फंस गया।
Негізгі бет कबीर साहेब भैंसे पर बैठकर बादशाह के पास पहुंचे Part - 3 | Hindi Cartoon 2D Animation Moral Story
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