#भूलेबिसरेगीत
#Bollyoldsongs
Movie: पुतलीबाई
Singers: रशीदा खातून
Song Lyricists: ज़फ़र गोरखपुरी
Music Composer: जैकुमार पार्टी
Starring: सुजीत कुमार
Movie: Putlibai (1972)
Singer(s): Rashida Khatoon, Yusuf Azad
Lyricist(s): Zafar Gorakhpuri
Composer(s): Jaikumar Paarte
Music Director(s): Jaikumar Paarte
Genre(s): Qawwali
Director(s): Ashok Roy
Starring: Sujit Kumar, Jay Mala, Hiralal,
कैसे बेशर्म आशिक़ है ये आज के
कैसे बेशर्म आशिक़ है ये आज के
इनको अपना बनाना गजब हो गया
कैसे बेशर्म आशिक़ है ये आज के
इनको अपना बनाना गजब हो गया
धीरे धीरे कलै लगे ठाम ने
धीरे धीरे कलै लगे ठाम ने
इनको अंगुली थामने गजब हो गया
धीरे धीरे कलै लगे ठाम ने
इनको अंगुली थामने गजब हो गया
जो घर में सिल्पे मसाला
तलाक न पिस सके
उन्हें ये नाज़ हमे खाक में मिलाएंगे
कलाई देखो तो
छुडी का बोझ सह न सके
और उस से दवा के तलवार हम उठाएंगे
फरेब में इन का नहीं कोई इंसानी
ये जिसको डस ले वो मांगे न
उमरभर पानी
बड़ा अजीब है दस्तूर इनकी महफ़िल का
बुलाया जाता है इज़त बढ़ायी जाती है
फिर उसके बाद काटल करके आशिक का
बड़ी धूम से मईयत उठाई जाती है
खता हमारी है जो
हमने उनसे प्यार किया
गुनाह किया जो हसीनो पे एतबार किया
भूल हमसे हुई इनके आशिक बने
भूल हमसे हुई इनके आशिक बने
पास इनको बुलाना गजब हो गया
भूल हमसे हुई इनके आशिक बने
पास इनको बुलाना गजब हो गया
ठोकरों में थे जब तक तो सीधे थे ये
ठोकरों में थे जब तक तो सीधे थे ये
अरे इन को सर पे बैठना गजब हो गया
ठोकरों में थे जब तक तो सीधे थे ये
अरे इन को सर पे बैठना गजब हो गया
हम औरतों को नज़र से उतरने वालों
खबर भी है तुम्हे
शेर की भागने वालों
के ज़मीं पे पुतली भी एक औरत है
जिसमे मरद को ललकारने की हिम्मत है
पहन के सर पे ? का ताज बैठी है
जो घर में थी वो सिंघासन पर
आज बैठी है
अगर झुके तो ये दिल क्या
जान भी दे दे
जो सर उठाये तो मर्दों की जान भी लेले
अगर छे फूल का हार है यही औरत
खुद पे आये तो तलवार है यही औरत
ये पुतली बन के ज़माने को मोड़ सकती है
सूझे तो मरद का पंजा मरोड सकती है
तेरी हिम्मत पे पुतली हमे नाज़ है
तेरी हिम्मत पे पुतली हमे नाज़ है
तेरा मैदान में आना गज़ब हो गया
तेरी हिम्मत पे पुतली हमे नाज़ है
तेरा मैदान में आना गज़ब हो गया
एक दिन बोले फरिस्ते करले दुनिआ की शाइर
जा खुदा दुनिआ तेरी सुनि है
औरत के बैगेर
बड़ी हिम्मत दिखाने के बाद
सोच ली मोला ने औरत को जनम देखी बात
इसी तरह मलिक ने की कारीगरी की
सदा चाँद से माँगा उजाला
मुर सूरज से लिया रूप
सैन्यारो से माँगा
रंग उषा से लिया पंखडी सेली नज़ाक़त
और कलियों से ऐडा शम से काजल लिया
और सुबह से वादा लिया
बिजलिओ से कहर माँगा
आग से गुस्सा माँगा
होसला चेतन से और डैड पंछी से लिया
आसमा से जुलम माँगा सब रूधर की सहेलिया
झरनो से िधलना लिया
बबूले से नाज़ुकी और नदी से बालकहाना लिया
आयी है सहराते तस्वीर से खामोशिया
लहार से ाथेलिया
पवन से सोखिया मांगी
आखिर झरने और सबनम से ासु ले लिया
बदलियो से जुलम और नज़रो सेजादु ले लिया
लाजवन्तीस शर्म और रात रानी से हया
ा बरु मोति से ली सूरज मुखी से रिवापा
ज़हर नागिन से लिया और सांप से डासना लिया
चाटना बिच्छू से लिया
और चुभाना तीर से लिया
लोमड़ी से मांग ली टॉटी मगरिया
मखियो से शोर और मच्छरों से ली आयरिया
इतनी चीज़ें जब लगी मौला के हाथ
खुदा ने इन सब को मिलाया
तब जाकर बड़ी मेहनत से एक मूरत बनी
दिल नशि फिगर बना
एक दिल रुबा सुरत बानी
देख कर अपनी कलाकारी को मोला हास् पड़ा
और उसी साये का नाम ओरत रख दिया
उसके बाद
मई बना कर तुझे खुद परेशान हूँ
मई बना कर तुझे खुद परेशान हूँ
अरे तुझको दुनिआ में लाना गजब हो गया
मई बना कर तुझे खुद परेशान हूँ
अरे तुझको दुनिआ में लाना गजब हो गया
जग में मोला ने सोचा मरद को पैदा करे
सबसे पहले ये सवाल आया के खुदरत
क्या करे पथरो से संधि
और बेरुखी तक़दीर से
कहर तुफानो से माँगा और गजब संसिर से
गधे से अकाल और कौवे से सैयना पण
और कुत्ते की दम से देतेडा पण लिया
घाट तीर से और चूहे से भागना माँगा
और उल्लू से लिया रातो को इसका जगना
लेलिया तोते से आँखें फेर लेने का चलन
दीवानापन मिल गयी गिरगिट से हर दम
रैंड बदलने की अदा
जिस औरत को दिया करता रहे धोखा सदा
तो इस की न फ़रमानिया बक्शी गयी
सैतान की झूठ बोले ये खा कर
कसम भगवन की मिरज मस्ती में ये मसाला
जब मिलवाया गया और ये मर्द की
फितरत में पाया गया
मरद के पुतले में जान धोड़े गयी
उसमे ओरत की भी थोड़ी सी ऐडा पायी गयी
ओरतो में मर्द की सूरत नहीं मिलती जनाब
पर मरदो में मिलते है जांणै बेहिसाब
सकल मरदो की तो आदत जनने हो गए
सकल मरदो की तो आदत जनने हो गए
क्या खुदा ने चाहा था और क्या न जाने हो गए
बन चुके मरद जैब तो मोला ने कहा
अच्छा खासा बनाया था मैंने इसे
अच्छा खासा बनाया था मैंने इसे
बन गया ये बनाना गजब हो गया
अच्छा खासा बनाया था मैंने इसे
बन गया ये बनाना गजब हो गया
वाह रे पुतली बाई
तेरी हिम्मत के सच्चे
तेरी जरुरत के सच्चे
जिसम औरत का तुझ में
जोष औरत का तुझ में
तेरी हिम्मत की कसम वाकई शेर है तू
तूने जो कुछ भी मुह से कहा कर दिया
तूने जो कुछ भी मुह से कहा कर दिया
तेरा कर के दिखाना गजब हो गया
तूने जो कुछ भी मुह से कहा कर दिया
तेरा कर के दिखाना गजब हो गया
तेरी हिम्मत पे पुतली हमे नाज़ है
तेरा मैदान में आना गज़ब हो गया
तेरी हिम्मत पे पुतली हमे नाज़ है.
Негізгі бет Музыка कैसे बेशर्म आशिक़ है ये आज के Kaise Besharm - पॉपुलर कव्वाली - PULTLIBAI - रशीदा खातून & युसूफ आज़ाद
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