कैसा होना चाहिए !पति-पत्नी का रिश्ता?सबके बीच रो पड़ी, साध्वी सुमेधा जी। कबीर आश्रम देवरी।
बिल्कुल चिंता मत करो,मन आपके बस में हो जाएगा।कबीर बीजक पढ़ाई, कबीर आश्रम देवरी// by साध्वी सुमेधा जी।
motivational speech// by Sadhvi Sumedha ji
कबीर बीजक पढ़ाई, कबीर आश्रम देवरी, सीधा प्रसारण/Kabir,कबीर बीजक पढ़ाई, कबीर आश्रम देवरी, सीधा प्रसारण/Kabirसदगुरु कबीर देव की वाणी, अध्यात्म संबंध सभी ग्रंथों का अध्ययन, साथियों द्वारा सीधा प्रसारण।
कबीर पारख साध्वी आश्रम देवरी नरसिंहपुर मध्य प्रदेश द्वारा लाइव प्रसारण
@ABHILASH SAHEB
सद्गुरु अभिलाष साहेब जी के प्रवचन इस लिंक पर आप सुन सकते हैं
हैंyoutube.com/@rushikeshgautam2086
मंदिर मस्जिद जाने से फायदा या नुकसान। मंदिर में जाने के बाद, पूजा - पाठ, व्रत, तप , जप, संध्या- कीर्तन करने के बाद भी इतने पाप क्यों हो रहे हैं ?भ्रष्टाचार क्यों हो रहा है? अत्याचार क्यों हो रहा है? भगवान से भी लोग क्यों नहीं डर रहे हैं? भगवान को भी धोखा दे रहे हैं? सभी प्रश्नों का उत्तर जानने के लिए आप हमारे विचारों को जरूर सुने।
#पतिपत्नीकारिश्ताकैसाहोनाचाहिए
#पतिपत्नीकारिश्ता
#पतिपत्नीकारिश्ताकैसाहोताहै
#कैसाहोनाचाहिएपति-पत्नीकारिश्ता?
#पतिपत्नीकारिश्ताकैसाहोनाचाहिए?
#|बागेश्वरधामसरकार| #bageshwar_dham_sarkar #urjika_raj,
#पतिऔरपत्नीकारिश्ता
#पतिपत्नीकारिश्ताकैसेनिभाएं
#पति-पत्नीकारिश्ताकैसाहोनाचाहिए
#पति-पत्नीकारिश्ताकैसाहोनाचाहिए?
#कैसाहोनाचाहिएपतिपत्नीकारिश्ता
#पतीपत्नीकारिश्ताकैसाहोनाचाहिए
#कैसाहोनाचाहिएपतिपत्नीकारिश्ता?
#kabirashramdevri
Kabir Das was a 15th-century Indianemystic poet and saint. His writings influenced Hinduism's Bhakti movement, and his verses are found in Sikhism's scripture Guru Granth Sahib, the Satguru Granth Sahib of Saint Garib Das, and Kabir Sagar.
कबीरदास या कबीर 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे। वे हिन्दी साहित्य के भक्तिकाल के निर्गुण शाखा के ज्ञानमर्गी उपशाखा के महानतम कवि हैं। इनकी रचनाओं ने हिन्दी प्रदेश के भक्ति आंदोलन को गहरे स्तर तक प्रभावित किया। उनकी रचनाएँ सिक्खों के आदि ग्रंथ में सम्मिलित की गयी हैं।
सदगुरू अभिलाष साहेब जी
सद्गुरु अभिलाष दास भारत के एक महान संत थे जिन्होंने मानव कल्याण के लिए कार्य करके मनुष्य के जीवन को अंधकार से बाहर निकालकर प्रकाश में लाने का काम किया है। जिन्होंने भारत के महान कवि कबीर दास जी की शिक्षा और कबीर दास जी के संदेश को पूरी दुनिया के लोगों तक पहुंचाने का कार्य किया है जिस कार्य को कोई आम इंसान नहीं कर सकता है यह परम पूज्य सद्गुरु श्री अभिलाष साहेब जी की सोच रही थी कि यदि कबीर साहिब जी के संदेश को जन-जन तक पहुंचाया जाए तो मानव कल्याण में वह अपना एक महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
आज हमारे भारत देश के ऐसे महान संत सद्गुरु श्री अभिलाष साहेब जी इस दुनिया में नहीं रहे हैं आज हम सभी लोगों को भारत देश के महान संत सद्गुरु अभिलाष साहेब जी की कमी महसूस हो रही है अभिलाष साहेब जी कबीर पारख संस्थान के एक संत थे। जिनका निधन प्रीतम नगर में स्थित एक आश्रम में हो गया था। जब भारत के महान संत अभिलाष साहेब का निधन हुआ तब देश के दूर-दूर, कोने-कोने से महान संतों का जमावड़ा प्रीतम नगर स्थित आश्रम में लग गया था और सभी अभिलाष साहेब जी के मृत शरीर के दर्शन करने के लिए पधारे थे।
सभी संतो ने एक-एक करके सद्गुरु अभिलाष साहेब जी के चरणों को छुआ और भगवान से यही प्रार्थना की कि ऐसे महान संत का जन्म हमारे भारत देश में होता रहे और संत अभिलाष साहेब को शांति प्राप्त हो अभिलाष साहेब जी भारत के महान कवि कबीर के एक सच्चे अनुयाई माने जाते हैं उन्होंने कबीर की शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया है जब शैक्षणिक संस्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किया जाता था। तब उन कार्यक्रमों में अभिलाष साहेब जी के बारे में भी चर्चा की जाती है।
अभिलाष साहेब जी प्रवचन में हमेशा कहा करते थे कि इंसान भूल बस बंधन में है। कहने का तात्पर्य है कि इंसान भूलवश बंधनों में बंधा हुआ है इंसान के मोक्ष कि यदि सबसे बड़ी बाधा है तो वह बाधा बंधन है जो व्यक्ति बंधुओं से मुक्त हो जाता है वह व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त कर लेता है।
Негізгі бет कैसा होना चाहिए !पति-पत्नी का रिश्ता?सबके बीच रो पड़ी, साध्वी सुमेधा साहेब जी।
Пікірлер: 28