DSR यानि डायरेक्ट सीडिंग ऑफ राइस यानी प्रत्यक्ष धान बीजारोपण तकनीकए धान की सीधी बुवाई है। यहां बीजों को रोपाई के बजाय सीधे खेत में बोया जाता है। बीजों को मिट्टी में खोदने के लिए ट्रैक्टर से चलने वाली जीरो टिलेज मशीन का उपयोग किया जाता है | डीएसआर पद्धति के तहत, धान के बीज को सीड ड्रिल मशीन की मदद से खेत में जमीन के अंदर डाल दिया जाता है और साथ-साथ खर पतवार नाशक का छिड़काव किया जाता है। डीएसआर पद्धति न केवल पानी की बचत करती है, बल्कि श्रमिकों की कमी का भी समाधान है। यह वास्तव में पर्यावरण हितैषी तकनीक है जिसमें कम पानी, थोड़ी सी मेहनत और कम पूँजी में ही धान फसल से अच्छी उपज और आमदनी अर्जित की जा सकती है। धान की सीधी बुआई दो विधिओं यथा नम विधि एवं सूखी विधि से की जाती है। नम विधि में बुवाई से पहले एक गहरी सिंचाई की जाती है। जुताई योग्य होने पर खेत तैयार कर सीड ड्रिल से बुवाई की जाती है। बुवाई के बाद हल्का पाटा लगाकर बीज को ढँक दिया जाता है, जिससे नमीं सरंक्षित रहती है। सूखी विधि में खेत को तैयार कर मशीन से बुवाई कर देते है और बीज अंकुरण के लिए वर्षा का इन्तजार करते हैं अथवा सिंचाई लगाते है। मौसम एवं संसाधनों की उपलब्धतता के आधार पर बुवाई की विधि अपनाना चाहिए। सिंचाई की सुविधा होने पर नम विधि द्वारा बुवाई करना उत्तम रहता है। इसमें खेत को मचाकर अंकुरित बीजों की बुवाई की जाती है। इस विधि के प्रयोग से फसल में 2-3 सप्ताह तक सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है, साथ ही खरपतवार प्रकोप कम होता है। धान की सीधी बुवाई करते समय बीज को 2-3 से-मी- गहराई पर ही बोना चाहिए ताकि जमाव एक अच्छा हो सके। नमीं अधिक होने पर उथली व कम होने पर हल्की गहरी बुवाईकरना चाहिए। इस विषय पर एक और वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें • कम लागत और मेहनत में ध...
Негізгі бет कम लागत में धान की सीधी बुआई || Direct Seeded Rice || DSR
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