कार्तिक स्वामी मंदिर रूद्रप्रयाग जिले के कनक चौरी गांव में स्थित है यह समुद्रतल से लगभग 3048 मीटर की ऊंचाई पर क्रोंच पर्वत पर स्थित है इस मंदिर से हिमालय की लगभग 80 प्रतिशत चोटियां साफ नजर आती हैं पौराणिक कथानुसार जब भगवान शिव द्वारा ली गई परीक्षा में गणेश जी की जीत और कार्तिकेय जी की हार हुई तो इसमें क्रुद्ध होकर कार्तिकेय जी ने अपने शरीर का मांस अपने माता पिता के चरणों में समर्पित कर दिया और स्वयं हड्डियों का ढांचा लेकर क्रोंच पर्वत चले आए| कहते हैं की कार्तिकेय जी की ये हड्डियां आज भी मंदिर में मौजूद है जिनकी पूजा करने लाखों भक्त हर साल कार्तिक स्वामी आते हैं कार्तिक स्वामी आने वाले श्रद्धालुओं में सबसे बड़ी संख्या बंगालियों व दक्षिण भारतीयों की है
Негізгі бет कथा कार्तिक स्वामी जी की 🙏🙏
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