मेरे पीर का दीदार हुआ मुझे गुरू से प्यार हुआ हक हक हक निगाहे कर्म चाहिए निगाहे कर्म चाहिए याद तुम्हे मेरे पीर सुनो सुन जग ये सारा करता है में भी तुझको याद करू बाबा मन क्यू ना मेरा भरता है याद तुम्हे मेरे गुरू वर सुन लो जग ये सारा करता है में भी तुझको याद करू बाबा मन क्यू ना मेरा भरता हैं ग्राम मझौली मैं सून बाबा दिल में देख समाये हैं सच कहता हु गुरू वर मेरे गगन ये बन के छाये देख खुदा का नूर हैं प्यारे दिल मे देख समाये है याद तुम्हे मेरे हजरत बाबा जग ये सारा करता है में भी तुझको याद करू बाबा मन क्यू ना मेरा भरता है मझौली राज मेरे पीर का दरवार हैं जहा मिलता बेशुमार प्यार है हक हक हक बाबा सरकार को राजू सोनी की तरफ से कदम वोसी निगाहे कर्म रहे सरकार की
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