संसद के साथ साथ 13 August तक किसान_संसद भी चालू है, दोनों संसदों की कार्रवाही में क्या समानताएँ हैं, कैसे चलती है किसान संसद?
कितनी गहन चर्चा होती है तमाम कृषि क़ानूनों पर?
बाहर के राज्यों से आए किसानों की इसमें कितनी भागीदारी है?
दिन भर किसान संसद का क्या स्वरूप रहता है?
सरकार का क्या रुख़ है और रवैया है?
इन सब दिलचस्प बिंदुओं पर बातचीत former Director- Policy and Outreach, National Seed Association of India और Agriculture से जुड़े मुद्दों पर Writer,
Indra Shekhar Singh के साथ सुनिए Hind Kisan की ख़ास बातचीत।
Indra Shekhar पिछले कई महीनों से किसान आंदोलन को कवर कर रहे हैं और आज की बातचीत उन्हीं की आँखो-देखी और अनुभव को सामने रखती है।
Негізгі бет 'किसान संसद' पर आँखों-देखी!
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