आत्मानुभूति होने के बाद आत्मा अनुभूति नहीं रहती तो भी सम्यक दर्शन बना रह ता है🙏
@IconicAnime352
Ай бұрын
सभी साधर्मी मुमुक्षु जीवों को सादर जय जिनेन्द्र नरेंद्र कुमार जैन जयपुर 🙏🙏🙏
@lavijain6611
Ай бұрын
लवी जैन.........बिल्कुल सही भैया जी 🙏 सोच समझ ले ओ रे चेतन क्यु भ्रम से तू भूला है? आत्मदृष्टि से देख रे चेतन अभी समय तेरा चेला है! फिर क्या होगा ओ रे चेतन क्यु उसमें तू उलझा है? एक बार तू आत्म में टिक रे चेतन अभी सारा दुख छूटा है
@user-dj7sq2il9g
Ай бұрын
साधना जैन,,,, मोह की महिमा देखो क्या तेरे मन में samai तूने अपनी ही महिमा भुलाई,,, तुझे अपनी ही महिमा ना आई,,,, काहे अरिहंतो के कुल को lagaya,,, काहे जिनवाणी मां का कहना ना माना,,, काहे गुरुवार की सीख ना मानी,,, सिद्ध सामान शक्ति,,, हरकत बचकानी,,, अपने ही हाथों अपने घर में ही आग lagai,,, तुझे अपनी ही महिमा ना आई😊,🙏🙏🙏
@mahendrasiroya7241
Ай бұрын
सादर जयजिनेन्द्र,सरजी... 🙏🏻🕉️🙏🏻🕉️
@surendrajain1287
Ай бұрын
न तो पांडित्य का मायाजाल ना ही कोई भरम जाल।सीधे तौर पर गाथा 6 का मर्म बताया गया है।धन्यवाद। शाम को तत्व निर्णय के साथ तत्व विचार का भी खुलासा करना।
@reenajain6006
Ай бұрын
Thank you very very much Dr. VIVEK JI . Aap ke Gyaan ki bahut bahut anumodna . 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 .
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