फर्ज़, कर्ज़ और साहस की लड़ाई लड़ते इंसान की ज़िंदगी पर गुलज़ार साहब के कुछ चुनिंदा शेर .. आपके लिए
कुछ फर्ज़ निभाने बाक़ी हैं | गुलज़ार शायरी
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