"म्यार धरोहर म्यार गांव
म्यार मन म्यार पहाड़"
चहचहाना पंछियों का, सादगी भरे लोगों के चेहरे
देवभूमि यूँ ही नहीं कहते इन्हें, भगवान भी यहाँ आकर हैं ठहरे।
पहाड़ों में छाए हुए घनघोर बादल, परिंदों की मधुर-मधुर सी चहचहाहट
नदियों की लहरें आवाज़ें करती हैं कलकल, खुशियाँ ही खुशियाँ बसती हैं यहाँ हर पल।
गिरना, उठना, संभल कर चलना
टेड़े-मेड़े से रास्ते पहाड़ों के, सिखाते हैं आगे बढ़ते रहना।
पहाड़ के जीवन में सादगी है। ग्रामीण जीवन के बीच मनुष्यता अपनी संवेदना के साथ सबसे पवित्र रूप में बसी हुई है। सभ्यता का सही रूप ही आत्मा की पवित्रता है जो आपको पहाड़ी लोगों के जीवन में दिखाई देता है। किसी को इंसानियत देखनी हो तो उसे देव भूमि उत्तराखण्ड पहुंचना चाहिए🚩🙏🏻
जय देव भूमि उत्तराखण्ड 🙏🏻🚩❤️
Негізгі бет Bawari Kichar village
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