क्या और तपेगी धरती? पहाड़ का पारा हाई। rural tales documentry
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Sandeep singh
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नैनीताल जिले रामगढ़ ब्लॉक, कोसी नदी और कौसानी(बागेश्वर)क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन पर rural tales की ये कहानी है। इसमें गल्ला गाँव(नैनीताल )के महेश गलिया ग्लोबल वार्मिंग के असर को बता रहे है।
कोसी नदी के किनारे महत गाँव में पिछले 25 सालों से देख रहे वृहस्पति महाराज कोसी की पीड़ा को बता रहे है कि कैसे कोसी हर दिन बदल रही है।
कौसानी हिल स्टेशन में पिछले 4 दशक से भी अधिक समय से रह रही सामाजिक कार्यकर्ता राधा बहन कौसानी में हो रहे जलवायु परिवर्तन को बता रही है।
बागेश्वर जिले के गरुड़ ब्लॉक में लखनी गाँव स्थित है। इस गाँव में हेमंत बोरा पिछले 1 साल से एक उबड़ खाबड़ और पथरीली ज़मीन पर फलों और सब्जियों का बगीचा लगा रहे है।
इन चार उदाहरण से मै आपको पहाड़ में जलवायु परिवर्तन की कहानी को समझाने की कोशिश कर रहा है।
कोसी नदी और रामगाड़ नदी के कैचीमेंट में हो रहे बदलाव पर स्थानीय लोगों की चिंता तो है लेकिन अभी भी उनकी उम्मीदें टूटी नहीं है। climate change को स्थानीय लोग महसूस कर रहे है। बारिश कम हो रही है। पानी के जल स्रोत कम हो रहे है। क्या भविष्य में खतरा बढेगा क्या भविष्य में पानी और जंगल में और कमी आएगी।
महेश गलिया (गल्ला गाँव )ph-9837849195
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